केंद्रीय टीम करेगी जांच, हरिद्वार बाढ़ में जलभराव से नुकसान का होगा सर्वे

उत्तराखंड में प्राकृतिक आपदाओं की वजह से राज्य को हुए नुकसान को सर्वे मंगलवार से शुरू हो जाएगा। केंद्रीय गृहमंत्रालय की उच्च स्तरीय कल से हरिद्वार में अतिवृष्टि की वजह से हुए फसलों के नुकसान का सर्वे करेगी। अंतर मंत्रालय स्तरीय टीम के नौ सदस्य कल हरिद्वार, नौ अगस्त को लक्सर और फिर 10 अगस्त को रुड़की का मुआयना करेगी।

10 अगस्त को सचिवालय में मुख्य सचिव की अध्यक्षता में प्रस्तावित बैठक में टीम के सामने राज्य में आपदा से हर साल होने वाले नुकसान की रिपेार्ट को रखा जाएगा। सोमवार को आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास सचिव डॉ. रंजीत कुमार सिन्हा ने अधिकारियों के साथ बैठक कर दिशानिर्देश दिए। कृषि विभाग को आपदाओं के कारण होने वाले उत्पादकता के नुकसान की रिपोर्ट तैयार करने को कहा है।

सभी विभागों से मानसून के दौरान हुए नुकसान का वर्षवार ब्योरा तैयार करने के निर्देश भी दिए गए हैं। डॉ. सिन्हा ने बताया कि वर्तमान मानसून सीजन के दौरान अब तक राज्य में अतिवृष्टि, बाढ़ व अन्य आपदाओं के कारण हुए नुकसान का आंकलन करने के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय ने विभिन्न मंत्रालयों की उच्चस्तरीय टीम का गठन किया है।

यह टीम आठ से 10 अगस्त तक हरिद्वार जिले का मुआयना करेगी। प्राकृतिक आपदाओं की वजह से राज्य को होने वाले नुकसान का ब्योरा भी टीम के समक्ष रखा जाएगा। इसके लिए सभी विभागों को वर्षवार ब्यौरा बनाने के लिए कहा गया है। मालूम हो कि वर्तमान मानसून में कुछ ही दिनों के भीतर प्रदेश में अतिवृष्टि और बाढ़ के कारण काफी नुकसान हुआ है।

15 जून से अब तक 8582 हैक्टेयर भूभाग में गन्ना, सब्जी, आदि विभिन्न फसलें बर्बाद हो गई है। इनमें अकेले हरिद्वार में सर्वाधिक आठ हजार हैक्टेयर से ज्यादा क्षेत्र में खेती बर्बाद हुई है। 10 अगस्त को टीम के सदस्य सचिवालय में मुख्य सचिव के साथ भी बैठक करेंगे। बैठक में अपर सचिव सविन बंसल, नवनीत पाण्डेय, डॉ.अमनदीप कौर, यूएसडीएमए के संयुक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी मोहम्मद ओबेदुल्लाह अंसारी, ईडी डॉ. पीयूष रौतेला आदि मौजूद रहे।

NEWS SOURCE : livehindustan