LOK SABHA ELECTION 2024- लोकसभा चुनाव में हर दल मंच से अपना गुणगान करने में जुटा है और दूसरों पर आरोप जड़े जा रहे हैं। लेकिन मतदाता खामोश है, वह अभी मतदान की तिथि तक सभी को सुन और समझ रहा है। ऐसा नहीं है कि मतदाता इतना भोला है, कि वह दलीय बयार में बह जाएगा। उसके भी अपने कुछ मुद्दे हैं, जिन पर वह जानना चाहता है कि कौन ईमानदार है और कौन नहीं।


वह यह भी जानता है कि कौन दल उसके मन की बात कर रहा है। अगर कुमाऊं की बात करें तो यहां दोनों लोकसभा सीटों पर जितनी गंभीर समस्या पानी की है, शायद उतनी किसी और की होगी। यूं तो सुविधाओं के विस्तार की जरूरत हर क्षेत्र में है, लेकिन नीर की पीर ऐसी है जिससे पूरा कुमाऊं आजिज आ चुका है। सुबह उठकर खाली बाल्टी लेकर टैंकरों से पानी भरने में ही आधा दिन गुजर जाता है, यह हर रोज की समस्या है।

घर का मुखिया आफिस नहीं जा पा रहा है, बच्चों का स्कूल छूट जा रहा है, भीषण गर्मी के बीच भी पानी की कमी से कई-कई दिन स्नान नहीं कर पाते हैं… आदि तमाम समस्याएं हैं। इस समस्या का समाधान एकमात्र जमरानी बांध परियोजना है, जो वर्षों से कागजों से बाहर नहीं निकल पाई है और आगे भी नहीं लगता कि दस-बीस साल तक निकल सके।

मतदाता समझ रहा है कि इस परियोजना को भी इधर-उधर खिसका कर हमारे नेता श्रेय लेने की होड़ में हैं। नेता को लगता है कि मीडिया में हल्ला मचा देने से वोट मिल जाएगा, जबकि ऐसा नहीं है। हर किसी को नल में जल चाहिए… वोट तब ही पड़ेगा।
निधि अधिकारी