देहरादून : उत्तराखंड में मंत्रिमंडल विस्तार की चर्चाओं के बाजार गर्म हैं। इसी बीच अब नई चर्चाएं इस चीज को भी लेकर हो रही हैं कि जिस तरीके से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सबको चौंकाने वाले निर्णय तीन राज्यों के चुनावी नतीजे आने के बाद ले चुके हैं, तो क्या उत्तराखंड में भी जब मंत्रिमंडल का विस्तार होगा तो कई चौंकाने वाले नाम मंत्रिमंडल विस्तार में देखने को मिलेंगे।
मंत्रिमंडल विस्तार में चौंकाने वाले नाम
तीन राज्यों के चुनावी नतीजे आने के बाद जिस तरीके से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा मुख्यमंत्री पद के लिए जिन नाम की चर्चाएं कोई कर भी नहीं रहा था उनको मुख्यमंत्री बनाया गया है। उसके बाद माना जा रहा है कि उत्तराखंड में जब भी मंत्रिमंडल का विस्तार होगा तो उत्तराखंड में भी कहीं ऐसे चौंकाने वाले नाम मंत्रिमंडल में शामिल हो सकते हैं जिनकी चर्चा कोई दूर-दूर तक नहीं कर रहा है।
उत्तराखंड में भाजपा युवा चेहरों पर दाव खेलने का काम कर रही है। जिस तरीके से पहली और दूसरी बार के विधायकों को पार्टी के द्वारा आगे बढ़ाने का काम किया गया है उसके बाद माना जा रहा है कि उत्तराखंड में जब भी धामी मंत्रिमंडल का विस्तार होगा तो पहली बार या जो दूसरी बार जो विधायक चुनकर आए है उनमें से कई नाम मंत्रिमंडल में शामिल हो सकते हैं।
मंत्री बनने में विधायकों का पलड़ा भारी
भाजपा के पास 47 विधानसभा की सीटें वर्तमान समय में हैं जिनमें पार्टी ने सात विधायकों को मंत्री बनाया है। जबकि मुख्यमंत्री की जिम्मेदारी धामी के पास और विधानसभा अध्यक्ष की जिम्मेदारी ऋतु खंडूरी के पास है। 47 में से 9 विधायकों को जहां पार्टी ने जिम्मेदारी दी हुई है। तो वहीं 38 विधायकों में से किसी के पास भी मंत्री बनने का मौका है जिनके पास इस समय जिम्मेदारी नहीं है।
खास बात ये है कि धामी मंत्रिमंडल में सात ऐसे विधायक बीजेपी के पास है जो पूर्व में मंत्री रह चुके हैं। फिलहाल बीजेपी में जिस तरह हालात नजर आ रहे हैं उस से लगता है पार्टी पूर्व मंत्रियों को मुश्किल से ही मंत्री बनाएगी। ऐसे में 38 में से 31 ऐसे विधायकों का पलड़ा मंत्री बनने का भारी हो जाता है जो मंत्री नहीं बने हैं। इसके साथ ही पार्टी सीनियर विधायकों की जगह युवाओं और पहली और दूसरी बार के विधायकों पर दांव खेल सकती है।
ये नाम मंत्री पद की रेस में शामिल
पहली बार चुने विधायकों में दुर्गेश लाल, सुरेश चौहान, राजकुमार पोरी, भोपाल राम टम्टा, सविता कपूर, बृजभूषण गौरोल, शिव अरोड़ा, त्रिलोक सिंह चीमा, मोहन सिंह बिष्ट, मोहन सिंह मेहरा, फकीर राम टम्टा, सुरेश गढ़िया, पार्वती देवी, प्रमोद नैनवाल और रेनू बिष्ट हैं।
ऐसा नहीं है की पहली बार ही चुने गए विधायकों में से मंत्री बनने की संभावनाएं प्रबल हैं। बल्कि दूसरी बार चुने गए विधायकों में सबसे ज्यादा मंत्री बनने की संभावना है। क्योंकि धामी कैबिनेट में सतपाल महाराज, सौरभ बहुगुणा और धन सिंह रावत दूसरी बार के ही विधायक हैं जिन्हें मंत्री पद दिया गया है। ऐसे में दूसरी बार जो विधायक चुने गए हैं उनमें विनोद कंडारी, शक्ति लाल शाह, शैला रानी रावत, भारत चौधरी, विनोद चमोली, राम सिंह कैड़ा, सरिता आर्य, महेश जीना का नाम भी मंत्री पद की रेस में शामिल हैं।