बादल फटने से तबाही मची: जागने वाले बच गए, सोए हुए बह गए; बचने वाले मजदूरों की कहानी।

उत्तरकाशी के बड़कोट के सिलाई बैंड के पास शनिवार को देर रात बादल फटने से यमुनोत्री हाईवे का करीब 20 मीटर हिस्सा बह गया। वहीं, ऊपरी क्षेत्र में बादल फटने से टैंटों में रह रहे नौ मजदूर पानी और मलबे के तेज बहाव की चपेट में आने से लापता हो गए। बाद में दो लोगों के शव बड़कोट में यमुना नदी में मिले।

उत्तरकाशी के सिलाई बैंड में शनिवार देर रात करीब एक बजे बादल फटने से टिन और प्लाई से बने टेंटों में पानी घुस गया। जब जमीन पर सो रहे मजदूरों को पानी से ठंड का अहसास हुआ तो वह उठकर भागने लगे, लेकिन शरीर पर पानी लगने के बावजूद कुछ मजदूरों की नींद नहीं टूटी। इससे पहले कि जाग चुके मजदूर अपने साथियों को उठाते, मलबा उन्हें अपने साथ बहा ले गया। इस बीच दूसरे टैंट में रह रहे मजदूरों ने दरवाजा खोलने की कोशिश की। वह नहीं खुला तो उन्होंने प्लाई तोड़कर बाहर भागकर अपनी जान बचाई। 

घटनास्थल से भागकर अपनी जान बचाने वाले 20 मजदूरों में शामिल नेपाल के हरिकृष्ण चौधरी ने बताया कि क्षेत्र में बहुत तेज बारिश हो रही थी। वह रोज की तरह चार से छह की संख्या में कुछ-कुछ दूरी पर बनाए गए अपने टेंटों में सो रहे थे।

पानी के साथ बहकर आने लगा मलबा
अचानक कमरे में पानी घुसा, वहां पर कुछ लोग जमीन पर सो रहे थे। शरीर पर पानी लगने से जब ठंड महसूस हुई, तो वह उठ गए, तब तक पानी के साथ मलबा बहकर आने लगा, वह लोग बाहर भागे और अपने साथियों को आवाज देकर जगाने की कोशिश की। 

कमरे में लगी प्लाई को तोड़कर बाहर आए
इस दौरान जो जाग गया वह बच गया और जो नहीं जागा वह सैलाब के साथ बह गया। वहीं कीर्ति बहादुर ने बताया कि जब उन्होंने बाहर से साथियों की आवाज सुनी तब तक पानी और मलबा आने के कारण कमरे का दरवाजा सीज हो गया था। फिर उन्होंने कमरे के एक ओर लगी प्लाई को तोड़कर बाहर भागे। 

कहा कि घटना में बचे हुए 20 लोगों के पास कोई कपड़ा नहीं बचा है। जो शरीर पर पहना हुआ था वही बचा हुआ है। पालीगाड पहुंचने पर ग्रामीणों ने उन्हें कपड़े दिए हैं। वहीं बहने वालों में कई लोग पैसा और कपड़े बचाने के चक्कर में बह गए। 

बादल फटने से नौ मजदूर मलबे में बहे
उत्तरकाशी के बड़कोट के सिलाई बैंड के पास शनिवार को देर रात बादल फटने से यमुनोत्री हाईवे का करीब 20 मीटर हिस्सा बह गया। वहीं, ऊपरी क्षेत्र में बादल फटने से टैंटों में रह रहे नौ मजदूर पानी और मलबे के तेज बहाव की चपेट में आने से लापता हो गए। बाद में दो लोगों के शव बड़कोट में यमुना नदी में मिले।

नाले के पास बादल फटने से आया मलबा
शनिवार रात को यमुनोत्री हाईवे के आसपास कई स्थानों पर बादल फटने की घटनाएं हुई। इसमें पालीगाड से लेकर सिलाई बैंड और ओजरी तक कई स्थानों पर सड़क का करीब 20 मीटर हिस्सा बह गया। वहीं, सिलाई बैंड में नाले के पास बादल फटने से आए मलबे और पानी के तेज बहाव से वहां टैंट में रह रहे 9 मजदूर बह गए। जबकि करीब 20 मजदूरों ने भागकर जान बचाई। 

दो के शव यमुना नदी में मिले
पुलिस व एसडीआरएफ ने उन्हें पालीगाड पहुंचाया। इसके बाद बचाव दल ने लापता लोगों की तलाश शुरू की। इनमें से दो के शव यमुना नदी में मिल गए। हादसें में बचे मजदूरों ने उनकी शिनाख्त दूजेलाल (55) निवासी पीलीभीत और केवल बिष्ट (43) निवासी नेपाल के रूप में की।

अन्य लोगों की तलाश जारी
टीम लापता सात लोगों की तलाश कर रही है। जगह-जगह सड़क क्षतिग्रस्त होने से एनएच को निर्माण कार्यों में परेशानी झेलनी पड़ रही है। डीएम प्रशांत आर्य ने बताया कि मौके पर प्रशासनिक टीम बचाव अभियान में जुटी है। दो लोगों के शव मिल चुके हैं। अन्य लोगों की तलाश की जा रही है। लापता लोगों में नेपाल और देहरादून के मजदूर शामिल हैं।

कमेड़ा में दो और उमट्टा में ढाई घंटे बंद रहा बदरीनाथ हाईवे
मूसलाधार बारिश के चलते बदरीनाथ हाईवे गौचर के पास कमेड़ा और कर्णप्रयाग के पास उमट्टा में बंद रहा। कमेड़ा में रविवार सुबह दो घंटे तक और उमट्टा में ढाई घंटे बाद आवाजाही शुरू हुई। उमट्टा में पहाड़ी से बड़ा बोल्डर आकर सड़क पर गिर गया। 

स्थानीय आशीष डिमरी ने बताया कि रविवार सुबह करीब आठ बजे पहाड़ी से विशाल बोल्डर सड़क पर आ गया। करीब साढ़े दस बजे यहां बोल्डर हटाकर आवागमन सुचारू किया गया। वहीं गौचर के पास कमेड़ा में सुबह पांच बजे भूस्खलन से हाईवे बंद हो गया, जिससे दो घंटे बाद यातायात के लिए खोल दिया गया। 

इस दौरान बोल्डर से नजदीकी होटल बाल-बाल बचा। जबकि आदिबदरी के पास रंडोली गदेरे में दो घंटे तक नैनीताल हाईवे बंद रहा। शनिवार रात्रि से शुरू हुई मूसलाधार बारिश रविवार दोपहर एक बजे तक जारी रही। बारिश से बदरीनाथ हाईवे पर उमट्टा में हाईवे बंद हो गया।