रुड़की : केंद्र से आई टीम ने ओडीएफ प्लस-प्लस मानकों पर परखा रुड़की शहर

रुड़की : स्वच्छ सर्वेक्षण को लेकर केंद्र सरकार की ओर से विभिन्न माध्यम से शहर की सफाई व्यवस्था परखी जा रही है। नगर निगम रुड़की ने शहर को ओडीएफ प्लस-प्लस के लिए आवेदन किया था। इसके चलते दिल्ली से केंद्र सरकार की एक टीम रुड़की पहुंची। टीम ने दो दिन तक शहर में रहकर विभिन्न स्थानों का निरीक्षण किया। इस निरीक्षण में टीम ने ओडीएफ प्लस-प्लस फार्मूले के आधार पर शहर की व्यवस्थाओं को परखा। शहर के सार्वजनिक शौचालयों में भी सफाई, पानी व बिजली आदि की व्यवस्थाएं देखी गई हैं।

केंद्र सरकार की ओर से स्वच्छ सर्वेक्षण कराया जा रहा है। स्वच्छ सर्वेक्षण में रुड़की का प्रदर्शन बेहतर रहा है। अलग-अलग मापदंडों पर केंद्र से आने वाली स्वच्छ सर्वेक्षण की टीम सफाई व्यवस्था देखती है। इसी के तहत नगर निगम ने ओडीएफ प्लस-प्लस के प्रमाणपत्र के लिए भी आवेदन किया था। रुड़की ओडीएफ प्लस-प्लस के मानकों पर खरा उतरता है या नहीं, इसकी जांच करने के लिए दिल्ली से केंद्र सरकार की एक टीम रुड़की पहुंची। टीम ने दो दिन तक शहर को ओडीएफ प्लस-प्लस के मानकों के आधार देखा और जांचा। टीम ने ओडीएफ प्लस-प्लस के सर्वे को लेकर नगर निगम रुड़की पहुंचकर भी कुछ दस्तावेज देखे। सहायक नगर आयुक्त संजय कुमार ने बताया कि केंद्र से आई ने शहर में निरीक्षण किया है। उन्हें उम्मीद है कि रुड़की इस बार भी ओडीएफ प्लस-प्लस के मानकों पर खरा उतरेगा। टीम की ओर से जो दस्तावेज मांगे गए थे। उन्होंने वह उपलब्ध करा दिए हैं। टीम ने स्वयं ही शहर की अलग-अलग लोकेशन पर जाकर निरीक्षण किया है।

कब हुई शुरुआत

पीएम मोदी ने लगभग आठ वर्ष पहले, लाल किला की प्राचीर से स्वच्छ भारत मिशन की शुरुआत की थी। इसका उद्देश्य महात्मा गांधी को उनकी 150वीं जयंती पर श्रद्धांजलि के रूप में देश को खुले में शौच से मुक्त बनाना था। पीएम मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में पूरा देश, दुनिया के सबसे बड़े व्यवहार परिवर्तन अभियान में एक साथ आया और अपने लक्ष्य को हासिल किया।  2 अक्टूबर 2019 को संयुक्त राष्ट्र द्वारा निर्धारित सतत विकास लक्ष्य-एसडीजी-6 लक्ष्य से 11 वर्ष पहले देश का ग्रामीण क्षेत्र खुले में शौच से मुक्त हो गया है। लेकिन, यह इस अभियान का अंत नहीं था, बल्कि इसने एक और अधिक चुनौतीपूर्ण और आवश्यक कार्य; देश के गांवों को ओडीएफ प्लस बनाने के लिए संपूर्ण स्वच्छता या पूर्ण स्वच्छता सुनिश्चित करने की आवश्यकता के कार्य की नींव रखी।

सरकार का लक्ष्य

वहीं अब सरकार का लक्ष्य है कि स्वच्छ भारत मिशन-ग्रामीण (एसबीएम-जी) के दूसरे चरण में सभी प्रकार के कचरे का उचित प्रबंधन करना, जो न केवल हमारे गांवों को स्वच्छ बनाएगा, बल्कि ग्रामीण परिवारों के लिए आय पैदा करने और सतत विकास लक्ष्यों की आवश्यकताओं को पूरा करते हुए आजीविका के नए अवसर सृजित करने के अवसर भी पैदा करेगा। इसके अलावा पीने योग्य पानी की आपूर्ति के साथ, अधिक अपशिष्ट जल को उपचारित करने और पुन: उपयोग करने की आवश्यकता है, और जीवनशैली में बदलाव और पैकेज्ड खाद्य उत्पादों के उपयोग के साथ, अधिक प्लास्टिक कचरे के उत्पन्न होने का खतरा ग्रामीण क्षेत्रों में बुरी तरह से सामने आ रहा है और इसे प्रभावी ढंग से प्रबंधित करने की आवश्यकता है। स्वच्छ भारत मिशन-ग्रामीण सफाई और सुरक्षित स्वच्छता को बढ़ावा देने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को सुदृण करता है और इस तरह अपने नागरिकों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार करता है।