आयात पर लग सकता है बैन! कंप्यूटर-लैपटॉप के बाद अब सरकार की नजर कैमरा-प्रिंटर पर

पर्सनल कंप्यूटर और लैपटॉप के इंपोर्ट के लिए लाइसेंस अनिवार्य करने के बाद, अब सरकार की नजर दूसरे प्रोडक्ट्स पर नजर है। आने वाले दिनों में कैमरा, प्रिंटर, हार्ड डिस्क, टेलीफोन और टेलीग्राफिक जैसे डिवाइसेस पर भी प्रतिबंध लगाए जा सकते हैं। जानकारों की मानें तो इन प्रोड्क्ट्स की लो​कल डिमांड काफी ज्यादा है। घरेलू उत्पादन के अवसरों को बढ़ाने के लिए इनके भारी इंपोर्ट पर तत्काल हस्तक्षेप की जरूरत है। वित्त वर्ष 2023 में इन वस्तुओं का इंपोर्ट 10.08 बिलियन डॉलर को पार कर गया था।

इन सामानों के इंपोर्ट का हो रहा रिव्यू

सरकार दूसरे हाई इंपोर्ट प्रोडक्ट्स जैसे यूरिया, एंटीबायोटिक्स, टर्बो-जेट, लिथियम-आयन एक्यूम्यूलेटर, रिफाइंड कॉपर, मशीनें और मैकेनिकल अप्लायंसेज, सोलर और फोटोवोल्टिक सेल, एल्यूमीनियम स्क्रैप, सनफ्लावर सीड ऑयल और काजू के इंपोर्ट की भी समीक्षा जा रही है। वित्त वर्ष 2023 में भारत का कुल माल आयात 16.5 फीसदी बढ़कर 714 बिलियन डॉलर हो गया, जिससे देश का चालू खाता घाटा वित्त वर्ष 2023 में सकल घरेलू उत्पाद का 2 फीसदी हो गया, जो पिछले वित्तीय वर्ष में सकल घरेलू उत्पाद का 1.2 फीसदी था।

बल्क इंपोर्ट चिंता का कारण

सरकार इंफोर्मेशन टेक्नोलॉजी अग्रीमेंट-1 या आईटीए-1 के तहत आने वाले 250 प्रोडक्ट्स के शिपमेंट पर भी नजर रख रही है, जिन पर भारत इंपोर्ट चार्ज नहीं लगा सकता है। एक अधिकारी ने कहा कि आईटीए-1 में उन प्रोडक्ट्स पर ध्यान केंद्रित किया गया है जिनका बल्क इंपोर्ट चिंता का कारण है। आईटीए-1 प्रोउक्ट्स इंटिग्रेटिड सर्किट, कंप्यूटर, टेलीकॉम डिवाइसेस, सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग, एम्पलीफायर और टेस्टिंग डिवाइसेस, सॉफ्टवेयर और साइंटिफिक इंस्ट्रुमेंट्स समेत कई हाईटेक प्रोडक्ट्स को कवर करते हैं।

क्या ऐसा करना चाहती है सरकार?

एक अधिकारी ने कहा कि चिप्स और डिस्प्ले सबसे कॉस्टली प्रोडक्ट्स हैं और उनके मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ाने की जरुरत है। मेडिकल डिवाइसेस डिवाइसेस एक दूसरा ऐसा सेक्टर है। अध्ययन इस बात का भी हो रहा है कि क्या प्रिंटर, कीबोर्ड, हार्ड डिस्क और स्कैनर की लोकल मैन्युफैक्चरिंग की संभावना है ताकि पता चल सके कि आखिर इंपोर्ट को बंद करना है या फिर कितना जारी रखना है। इंडस्ट्री से जुड़े एक रिप्रेंजेंटेटिव ने कहा कि ऐसा लगता है कि सरकार आईटीए-1 के तहत चार्ज-फ्री प्रोडक्ट्स के इंपोर्ट को रेगूलेट करना चाहती है। वे भविष्य में विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) में किसी भी संभावित विवाद के लिए जमीन तैयार कर रहे हैं।

पहले यह लिया था फैसला

पिछले हफ्ते, भारत ने कहा कि 1 नवंबर से लैपटॉप, टैबलेट, ऑल-इन-वन-पर्सनल कंप्यूटर, अल्ट्रा-स्मॉल फैक्टर कंप्यूटर और सर्वर में शिपिंग के लिए इंपोर्ट लाइसेंस की आवश्यकता होगी। पीसी, लैपटॉप और टैबलेट का इंपोर्ट 5.3 अरब डॉलर तक बढ़ गया है। पिछले वित्त वर्ष में वाई-फाई डोंगल, स्मार्ट कार्ड रीडर और एंड्रॉइड टीवी बॉक्स का शिपमेंट कुल 2.6 बिलियन था। भारतीय विदेश व्यापार संस्थान (आईआईएफटी) के 2020 के एक अध्ययन में पाया गया कि आईटीए-1 अग्रीमेंट पर साइन करने वाले 126 सदस्य देशों में से 114 चीन, हांगकांग, दक्षिण कोरिया, सिंगापुर के साथ कवर किए गए प्रोडक्ट्स के नेट इंपोर्टर हैं। जर्मनी, जापान और अमेरिका कुल निर्यात में 80 फीसदी से अधिक हिस्सेदारी के साथ दुनिया के टॉप 7 एक्सपोर्टर हैं।

NEWS SOURCE : punjabkesari