देहरादून: उत्तराखंड में स्थानीय निकाय चुनाव इस साल नहीं होंगे। आगामी 4 दिसंबर को निकायों का कार्यकाल समाप्त हो रहा है लेकिन उससे पहले चुनाव नहीं कराई जा सकेंगे। जिसके बाद यह तय है कि निकाय फिलहाल प्रशासकों के हवाले हो जायेंगे।राज्य निर्वाचन आयोग ने निकायों के निर्वाचन नामावलियों के विस्तृत पुनरीक्षण के लिए 3 महीने की समय सारणी जारी की है। इसी वजह से निकाय चुनाव टाले गए हैं।
निर्वाचन नामावलियों के पुनरीक्षण का कार्य 2 नवंबर 2023 से 2 फरवरी 2024 तक होना है। मतदाता सूची का अंतिम प्रकाशन 2 फरवरी 2024 को किया जाएगा। इस समय सारणी की अधिसूचना जारी होने के बाद अब निकायों का प्रशासकों के हवाले होना तय माना जा रहा है। उत्तराखंड में निकाय चुनाव के लिए काफी समय से सुगबुगाहट चल रही थी। निकाय चुनाव की तैयारी में जुटे उम्मीदवार पहले से ही चुनाव को लेकर संशय जता रहे थे लेकिन फिर भी वे चुनाव के लिए तैयारियों में जुटे हुए थे।
राज्य निर्वाचन आयुक्त चंद्रशेखर भट्ट ने प्रदेश के नगर निगमों, नगर पालिका परिषद और नगर पंचायत की निर्वाचक नामावलियां तैयार करने के लिए समय सारणी की अधिसूचना गुरुवार को जारी कर दी है। जिसके बाद फिलहाल तीन माह के लिए निकाय चुनाव के उम्मीदवारों का उत्साह ठंडा पड़ गया है। निकायों का कार्यकाल 4 दिसंबर को समाप्त हो रहा है लेकिन उससे पहले चुनाव होना संभव नहीं है।
राज्य निर्वाचन आयुक्त के अनुसार नगर पालिका परिषद हरबर्टपुर, नरेंद्र नगर, रुद्रप्रयाग और बाजपुर, और नगर पंचायत कीर्ति नगर, गंगोत्री, बद्रीनाथ, केदारनाथ, मुनस्यारी और नंदा नगर घाट को छोड़कर अन्य सभी निकायों की मतदाता सूचियों का विस्तृत पुनरीक्षण किया जाएगा। 1 जनवरी 2024 को 18 वर्ष की आयु पूरी करने वाले युवाओं के नाम भी मतदाता में सूचित सम्मिलित किए जायेंगे।
प्रदेश में वर्ष 2018 में निकाय चुनाव हुए थे। तब 20 अक्टूबर से नामांकन प्रक्रिया शुरू हो गई थी। 18 नवंबर को मतदान के बाद 20 नवंबर को परिणाम घोषित किए गए थे। निकायों का शपथ ग्रहण और पहली बैठक 2 दिसंबर को हुई थी। पहली बैठक से ही निकाय का 5 साल का कार्यकाल शुरू होता है। निकाय अधिनियम के अनुसार यह भी प्रावधान है कि कार्यकाल खत्म होने से 15 दिन पहले या 15 दिन के बाद में चुनाव कराए जा सकते हैं।
उत्तराखंड में वर्तमान में नगर निकायों की संख्या 110 है। इनमें से सात निकाय कुछ समय पहले ही अधिसूचित किए गए हैं। अन्य निकायों के साथ इन नए निकायों का चुनाव करना संभव नहीं है। शेष 103 निकायों में केदारनाथ, बद्रीनाथ और गंगोत्री में चुनाव नहीं होते हैं। रुड़की नगर निगम और बाजपुर नगर पालिका परिषद में चुनाव बाद में हुए थे। जिस कारण इनका कार्यकाल अगले वर्ष पूरा होना है। वहीं सिरोरीकला निकाय के गठन को लेकर कोर्ट से स्टे मिला हुआ है। इसके बाद मात्र 97 निकायों में ही चुनाव होने हैं।
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