हल्द्वानी : नैनीताल और हरिद्वार जिले में सराफा कारोबारी अब बगैर भारतीय मानक ब्यूरो से रजिस्टर्ड हॉलमार्क ज्वैलरी नहीं बेच सकेंगे। ऐसे कारोबारियों पर मानक ब्यूरो कानूनी कार्यवाही कर सकता है। अब तक भारतीय मानक ब्यूरो की ओर से यह नियम पौड़ी गढ़वाल, देहरादून और पिथौरागढ़ में ही लागू था। अब इसमें नैनीताल और हरिद्वार जिले को भी शामिल कर दिया है।
भारतीय मानक ब्यूरो उत्तराखंड के वरिष्ठ निदेशक सुधीर बिश्नोई का कहना है कि नैनीताल जिले में 190 और हरिद्वार में 300 कारोबारी हॉलमार्क के तहत रजिस्टर्ड हैं। 40 लाख प्रतिवर्ष तक टर्नओवर वाले कारोबारी अनिवार्य हॉलमार्क लाइसेंस के दायरे में नहीं आते हैं। बिश्नोई ने बताया प्रदेश के तीन जिलों में यह नियम पहले से लागू था। नैनीताल और हरिद्वार के स्वर्णाभूषण कारोबारियों को एक हफ्ते का समय दिया गया है। इस दौरान ऐसे व्यापारी भारतीय मानक ब्यूरो से रजिस्ट्रेशन करा लें अन्यथा पकड़े जाने पर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।
जिले में हॉलमार्क के तीन सेंटर –
जिले में हॉलमार्क के तीन सेंटर हल्द्वानी में हैं। सराफा कारोबारी ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराने के बाद बाहर से जो भी स्वर्ण आता है उसे लेकर हाॅल मार्क सेंटर जाएगा। प्रत्येक पीस का यहां 53 रुपया चार्ज लिया जाता है। जिसमें 45 रुपया चार्ज हॉलमार्क सेंटर का और आठ रुपया जीएसटी के तौर पर सरकार के खाते में जाता है।