Joshimath के बाद मसूरी पर खतरा, NGT ने Uttrakhand सरकार से की हिल स्टेशन को बचाने की सिफारिश

Joshimath के बाद मसूरी पर खतरा, NGT ने Uttrakhand सरकार से की हिल स्टेशन को बचाने की सिफारिश

उत्तराखंड के पर्यटक स्थल मसूरी पर बड़ा खतरा मंडरा रहा है. जी हां एनजीटी की तरफ से जारी की गई एडवाइजरी से तो यही लगता है कि नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल की रिपोर्ट में मसूरी में पर्यटकों की असीमित संख्या के चलते होने वाले प्रदूषण और मसूरी में मानकों को ताक पर रख हो रहे निर्माण कार्य मसूरी हिल स्टेशन के लिए अभिशाप बन सकते है. वहीं रिपोर्ट में एनजीटी ने पर्यटन स्थल मसूरी को बचाने की सिफारिश की है.

बता दें कि हर साल लाखों पर्यटक मसूरी की हसीन वादियों का दीदार करने पहुंचते हैं, लेकिन पर्यटकों की बढ़ती संख्या कहीं मसूरी के लिए एक बड़ा खतरा न बन जाए, यह सवाल अब उठने लगे हैं. दरअसल, एनजीटी ने मसूरी के लिए अपनी एडवाइजरी जारी करते हुए आने वाले पर्यटकों की संख्या को नियंत्रित करने की बात कही है. नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने अपनी रिपोर्ट में मसूरी में भी जोशीमठ जैसे हालात होने की संभावना जताते हुए राज्य सरकार से पर्यटकों की संख्या नियंत्रित करने के साथ ही सीमित निर्माण कार्य होने का भी जिक्र किया है.

मानकों को ताक पर रख कर मसूरी में हो रहे निर्माण कार्य

NGT की तरफ से मसूरी के लिए जारी की गई एडवाइजरी को लेकर वैज्ञानिक भी अपनी सहमति जता रहे हैं. भूवैज्ञानिक सुशील कुमार की मानें तो मसूरी में मानकों को ताक पर रख तेजी से हो रहे निर्माण कार्य और निर्माण कार्य के लिए पहाड़ों के स्लोप की कटिंग पहाड़ों की मजबूती को कमजोर करती है. इसके साथ ही पहाड़ों पर नदी और सड़क के किनारे बनने वाले मकान और इमारतों के लिए भी बड़ा खतरा बना रहता है.

जोशीमठ में इसी साल जनवरी महीने में घरों-सड़कों पर दरार आ गई थी, जिस कारण लोगों को विस्थापन का दर्द झेलना पड़ा.

अगर कभी आपदा, भूकंप आता है तो जनहानि के साथ भारी नुक्सान हो सकता है. इसके अलावा मसूरी में हजारों लाखों की तादाद में पर्यटक और उनके वाहनों से होने वाला प्रदूषण भी पर्यावरण को दूषित कर रहा है, जिसके दुष्प्रभाव भी सामने आ रहे हैं. इसीलिए मसूरी में आने वाले पर्यटकों की संख्या को सीमित करना बेहद जरूरी है.

पर्यटकों को रोक पाना मुश्किल, ठोस नीति बनाने की जरूरत

वहीं दूसरी तरफ एनजीटी की रिपोर्ट आने के बाद उत्तराखंड सरकार के कैबिनेट मंत्री और मसूरी विधायक गणेश जोशी का कहना है कि उत्तराखंड प्रदेश पर्यटन स्थल है. यहां हर आल लाखों-करोड़ों पर्यटक घूमने के लिए पहुंचते हैं. ऐसे में पर्यटकों की आवाजाही को नियंत्रण कर पाना मुश्किल होगा, लेकिन जोशीमठ जैसे हालात मसूरी में न देखने को मिलें, इसके लिए संबंधित विभाग को निर्माण कार्यों के लिए कोई ठोस नीति बनाने की जरूरत है.