चमोली : जिले की बीना देवी ऐसी ही कर्मठ महिला हैं, जिन्होंने जिले की पहली महिला चालक होने का गौरव पाया है। वाण गांव की रहने वाली बीना टैक्सी चालक के तौर पर काम कर अपनी आर्थिकी मजबूत कर रही हैं। छह साल पहले उन्होंने बतौर व्यावसायिक वाहन चालक टैक्सी चलानी शुरू की थी। बीना बताती हैं कि शुरू में परेशानी आई थी, लेकिन अब काम अच्छा चल रहा है। आज वह हर दिन औसतन दो हजार रुपये तक कमा लेती हैं। बीते छह साल में वो अपनी टैक्सी के जरिए पूरे उत्तराखंड का चक्कर लगा चुकी हैं। बीना टैक्सी चालक होने के साथ ही खेती-बाड़ी का काम भी करती हैं।
बीना बताती हैं कि साल 2010 में उनकी शादी वाण गांव के रहने वाले सुरेंद्र सिंह से हुई थी। जो कि टूरिस्ट गाइड हैं। मायकेवालों की आर्थिक स्थिति अच्छी न होने के कारण बीना सिर्फ दसवीं तक ही पढ़ सकीं। साल 2013 में उनके गांव में सड़क पहुंची तो बीना ने गाड़ी चलाना सीख लिया। पति ने भी बीना का साथ दिया और साल 2016 में बीना ने लोन लेकर कार खरीदने के बाद चालक के तौर पर काम करना शुरू कर दिया। बीना बताती हैं कि शुरू में लोग महिला वाहन चालक को देख गाड़ी में बैठने से झिझकते थे, लेकिन अब यह सामान्य बात हो गई है। आज बीना परिवार की आर्थिक स्थिति मजबूत करने में भागीदारी निभा रही हैं, साथ ही अपने फैसले से खुश भी हैं।