उत्तराखंड में शराब के शौकीनों को राज्य सरकार ने बड़ी सौगात दी है. आबकारी नीति 2023-24 में शराब के शौकीनों को खास ध्यान रखा गया है. अब राज्य में लोग अब अपनी पसंद की शराब की भारी मात्रा घरों में रख सकते है. जिसके लिए उन्हें एक लाइसेंस लेना पड़ेगा. उसके बाद वो घर में अपना बार बना सकते हैं. राज्य में रहने वाले लोगों को घर में 50 लीटर तक शराब रखने की अनुमित होगी.
इस नीति के तहत घरों में बार के लिए आवेदन भी होने लगे हैं. राज्य में कोई भी व्यक्ति लाइसेंस मिलने के बाद घर में 50 लीटर शराब रख सकेगा. इसमें 9 लीटर देश में निर्मित शराब, 18 लीटर विदेशी शराब, 9 लीटर वाइन और 15.6 लीटर तक बीयर रखने की अनुमति दी गई है. लोगों को अपने घर के बार में सिर्फ सिविल में बिकने वाली शराब की रखने की अनुमति होगी.
नियम तोड़ने पर होगी कार्रवाई
कैंटीन में बिकने वाली शराबों को लोग घर में नहीं रख सकेंगे. आबकारी नीति 2023-24 में लाइसेंस लेने के बावजूद अगर कोई शख्स घर में 50 लीटर से अधिक शराब रखेगा, तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा सकेगी. लोग घरों में बनाए गए बार से शराब नहीं बेच सकेगा.
कैसे मिलेगा बार का लाइसेंस?
जिला आबकारी अधिकारी देहरादून राजीव चौहान ने बताया कि घर में बार का लाइसेंस लेने के लिए आवदेक की उम्र 21 साल से ज्यादा होनी चाहिए. इसके साथ ही आवेदक ने 5 साल से आईटीआर भरा होना चाहिए. ऐसे लोग जब आनलाइन आवेदन करेंगे, तो उनको जिले के जिलाधिकारी लाइसेंस देंगे. जिस जगह बार बनाया जाएगा, वहां 21 वर्ष की कम आयु के लोगों के जाने पर भी प्रतिबंध रहेगा.
इस लाइसेंस के लिए लाइसेंसकर्ता को आबकरी विभाग को सालाना 12,000 हजार रुपये देना होगा. देहरादून में घर में बार के लिए एक आवदेन भी स्वीकार किया जा चुका है.
हरीश रावत ने किया का विरोध
राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने राज्य की इस आबकारी नीति का विरोध करते हुए कहा कि पहले ही राज्य में सूखे नशे को करने वालो की संख्या बड़ी है. लोगों के घरों में बार के खुलने से गांव-गांव के कोने तक लोग नशे के आदी हो जाएंगे. उन्होंने सरकार के इस फ़ैसले को जनविरोधी बताया है.