चमोली : जिले में धार्मिक, साहसिक एवं ईको टूरिज्म को बढ़ावा देने और ट्रैक मार्ग पर जरूरी सुविधाओं के विकास हेतु जिलाधिकारी हिमांशु खुराना ने वन विभाग एवं संबधित एजेंसियों के साथ प्रसिद्व रूपकुंड ट्रैक का चार दिवसीय भ्रमण करते हुए करीब 60 किलोमीटर कठिन पैदल दूरी तय कर व्यवस्थाओं का निरीक्षण किया। इस दौरान जिलाधिकारी ने वन क्षेत्रों में ईको टूरिज्म के लिए नए स्थल विकसित करने पर जोर दिया।
जिलाधिकारी ने देवाल ब्लाक के कुलिंग गांव से रूपकुंड की पैदल ट्रैकिंग शुरू की। कुलिंग से दीदना, वेदनी बुग्याल, पाथरनचीना, भगवावासा होते हुए जिलाधिकारी रूपकुंड पहुॅचे। इस दौरान जिलाधिकारी ने वन विभाग एवं संबधित एजेंसियों को निर्देशित किया कि रूपकुंड ट्रैक पर ईको टूरिज्म साइट्स विकसित करने के साथ इसका संचालन, विकास एवं रखरखाव की समुचित व्यवस्था की जाए। ईको साइट्स के विकास में प्राकृतिक सामग्री का इस्तेमाल करें। क्षेत्र में ईको विकास समिति का गठन करते हुए स्थानीय युवाओं को नेचर गाइड के रूप में प्रशिक्षित किया जाए। ताकि स्थानीय लोगों को स्वरोजगार के अतिरिक्त अवसर मिल सके। चार दिवसीय भ्रमण के दौरान जिलाधिकारी ने सुदूरवर्ती गांव दीदना में स्थानीय लोगों की समस्याएं भी सुनी और उनके निराकरण हेतु संबधितों को निर्देशित किया।