यूपी में लोगों की सुविधाओं से जुड़ा बजट पांच साल में छह गुना बढ़ा

यूपी में बेहतर शिक्षा, स्वास्थ्य, पेयजल, शहरी सुविधाओं का विकास, सफाई, समाज कल्याण की जनकल्याणकारी योजनाएं व पोषण मिशन पर सरकार का खर्च लगातार बढ़ता जा रहा है। महज पांच साल में इन सामाजिक सुविधाओं के बजट में करीब छह गुना वृद्धि दर्ज की गई है। सबसे अधिक 10 गुना बजट अकेले जलापूर्ति व सफाई की योजनाओं का बढ़ा है।

विकास (पूंजीगत व्यय) से जुड़ी सामाजिक क्षेत्र की योजनाओं में शिक्षा, खेलकूद, कला व संस्कृति, चिकित्सा स्वास्थ्य व परिवार कल्याण, जलापूर्ति व सफाई, आवास, शहरी विकास, समाज कल्याण व पोषण तथा जनता से जुड़ी अन्य योजनाएं हैं।

जलापूर्ति व सफाई का बजट सरकार ने दस गुना अधिक किया
इनमें भी जलापूर्ति व सफाई के मद में इन पांच सालों में रिकार्ड दस गुणा बजट बढ़ा है। वर्ष 2019-20 में इस मद में कुल 2384.91 करोड़ रुपये खर्च किया गया था, अब चालू वित्तीय वर्ष 2023-24 में इसके लिए 21289.17 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है। इस योजना के तहत प्रदेश के हर गांव के हर घर को नल का जल, शहरी क्षेत्रों में पेयजल सुविधाओं का विकास तथा सफाई आदि योजनाओं का काम तेजी से किया जा रहा है। आवास से जुड़ी योजनाओं का बजट इस अवधि में करीब पांच गुना अधिक, शहरी विकास की योजनाओं का बजट करीब सात गुना अधिक, शिक्षा क्षेत्र का बजट करीब पांच गुना और चिकित्सा क्षेत्र का बजट करीब चार गुना अधिक बढ़ा है।

इस साल 59670.99 करोड़ खर्च होंगे इन क्षेत्रों के विकास में
वित्त विभाग के आंकड़ों के मुताबिक इन सामाजिक सुविधाओं की योजनाओं पर 2019-20 में 10514.70 करोड़ रुपये सरकार ने खर्च किया था। इसके बाद 2020-21 में कोरोना के दौरान भी सरकार ने इस क्षेत्र के बजट को कम नहीं किया बल्कि करीब दो हजार करोड़ रुपये बढ़ाते हुए 12386.29 करोड़ रुपये खर्च किए। वर्ष 2021-22 में इस मद में 18568.80 करोड़ खर्च किए गए। इसके बाद के वर्ष 2022-23 में इस मद के बजट में भारी इजाफा करते हुए 47069.42 करोड़ कर दिया गया। अब चालू वित्तीय वर्ष में इस मद में सरकार ने 59670.99 करोड़ रुपये खर्च का अनुमान किया है।

सामाजिक सेवाओं के विकास पर व्यय

2019-20—-10514.70 करोड़ रुपये
2020-21—-12386.29 करोड़ रुपये
2021-22—-18568.80 करोड़ रुपये
2022-23—-47069.42 करोड़ रुपये
2023-24—-59670.99 करोड़ रुपये (अनुमानित)

NEWS SOURCE : livehindustan