वेस्ट से बेस्ट की ओर तरक्की करती नजर आई पहाड़ की महिलाएं जाने कैसे कर रही है कमाल।

राखी का त्योहार खास होता है, खास इसलिए क्यूंकि एक धागा भाई बहन के रिश्ते की पवित्रता को ऊंचाई तक पहुंचाता है. लेकिन उस राखी के धागे के बनने की भी अपनी कहानियां होती हैं, क्यूंकि ये धागा कुछ लोगों की ज़िंदगी भी संवारता है और प्रकृति को राहत भी देता है. ऐसी ही एक कहानी उत्तराखंड से भी जुड़ी है, जहां चीड़ के पत्तों से कुछ ऐसा कमाल किया जा रहा है जो ना सिर्फ कुछ चेहरों पर मुस्कान ला रहा है, बल्कि एक विरासत को भी समेट रहा है.

उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग में हमारा गांव घर फाउंडेशन भी ऐसा ही एक कमाल कर रहा है. इस फाउंडेशन के सहयोग की बदौलत ही कई महिलाएं पिरूल हस्तशिल्प की कला को आगे बढ़ा रही हैं. पुस्तकालय गांव की महिलाएं इसी पिरूल से राखियाँ बना रही हैं.

पुस्तकालय गाँव मणिगुह ने पिछले दो साल में अपनी एक अलग पहचान बनाई है. अभी पुस्तकालय गाँव स्थित पुस्तकालय में सत्रह हज़ार से ज्यादा किताबें उपलब्ध हैं. इस पुस्तकालय में कई महत्वपूर्ण व्यक्तियों का निजी संग्रह भी उपलब्ध है जो और कहीं नहीं मिलता. कमाल की बात तो ये है कि पुस्तकालय गाँव में कई पुस्तक मंदिर भी बनाए गए हैं जो रीडिंग स्पॉट की तरह काम करते हैं. इस गाँव को शिक्षा के साथ-साथ स्वरोज़गार से जोड़ने का भी प्रयास हमारा गाँव घर फाउंडेशन कर रहा है.