उत्तराखंड के उभरते युवा क्रिकेटर को 10 साल की सजा, जानिए क्या है पूरा मामला

उत्तराखंड के उभरते युवा क्रिकेटर को 10 साल की सजा, जानिए क्या है पूरा मामला

उत्तराखंड क्रिकेट टीम के एक होनहार खिलाड़ी के रूप में देखे जाने वाले सुमित एक मध्यम तेज गेंदबाज के रूप में अपने कौशल का प्रदर्शन करते हैं। फिलहाल वह सीनियर क्रिकेट टीम के साथ एक कैंप में हिस्सा ले रहे थे. अप्रत्याशित रूप से, उसके पिता ने अज्ञात कारणों से रविवार को उसे शिविर से घर वापस लाने का फैसला किया। सोमवार को उन्हें अदालत में पेश किया गया और बाद में जेल भेज दिया गया।

एक किशोरी को आत्महत्या के लिए मजबूर करने की दुखद घटना में शामिल होने के कारण अदालत ने उत्तराखंड के क्रिकेटर सुमित जुयाल को 10 साल के कठोर कारावास की सजा देने का फैसला किया है। साथ ही स्पेशल फास्ट ट्रैक पंकज तोमर की अदालत ने अपराधी पर 10 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है ।

वह वर्तमान में उत्तराखंड की सीनियर क्रिकेट टीम के प्रशिक्षण शिविर में भी शामिल था । सरकारी वकील किशोर सिंह के अनुसार, दुर्भाग्यपूर्ण घटना तब हुई जब लड़की ने 9 दिसंबर, 2017 को अपने कमरे में फांसी लगाकर अपनी जान दे दी। इसके बाद, मृतक के पिता ने 15 दिसंबर, 2017 को क्लेमेंटटाउन पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज कराया।

किशोरी को किया आत्महत्या के लिए मजबूर

लड़की के पिता ने दावा किया कि उन्होंने अपनी बेटी की मौत के बाद कमरे की तलाशी ली थी। किशोरी का क्लेमेंटटाउन के भारूवाला निवासी सुमित जुयाल से संपर्क था। उस

इसके अलावा लड़की की डायरी में सुमित का भी जिक्र था. सुमित लड़की को खेल गतिविधियों में शामिल करने के बहाने शहर से बाहर ले जाता था। ऐसा करने के लिए, वह झूठे लेटर बनाता था जिसमें शिक्षकों के नाम शामिल होते थे, लेकिन सुमित का फोन नंबर होता था।

सुमित को सुनाई गई 10 साल की सजा

यह पत्र मिलने के बाद ही लड़की के परिवार जन  ने उसे खेलों में भाग लेने की अनुमति दी थी । पहले, सुमित उस लड़की का फायदा उठाता था, साथ ही ब्लैकमेल के जरिए उससे पैसे भी वसूलता था।

प्रारंभिक जांच के परिणामस्वरूप, पुलिस ने सुमित के खिलाफ मामला दर्ज करके कानूनी कार्रवाई की और बाद में उसे गिरफ्तार कर लिया। इन घटनाओं के बाद आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया गया. अभियोजन पक्ष ने इस मामले में कुल 10 गवाह पेश किये. उनकी गवाही और सबूतों के आधार पर अदालत ने सुमित को दोषी पाया और सजा सुनाई।

BCCI  ने भी लगाया था प्रतिबंध

साल 2019 में भी उनका नाम धोखाधड़ी के एक मामले से जुड़ा था. उत्तराखंड की अंडर-19 क्रिकेट टीम की चयन प्रक्रिया में अपनी उम्र की गलत जानकारी देने के कारण बीसीसीआई ने सुमित जुयाल को दो साल की अवधि के लिए निलंबित कर दिया था।