हाल ही में देश के कई राज्यों में लोगों के घरों के बाहर लाल रंग की बोतल टंगी देखी जा रही है। मध्य प्रदेश सहित अन्य राज्यों में भी लोग इस अनोखे टोटके को अपना रहे हैं। इसके पीछे मान्यता यह है कि लाल रंग देखकर कुत्ते डर जाते हैं और उस इलाके से दूर भाग जाते हैं। गली-मोहल्लों में कुत्तों के आतंक से परेशान लोगों ने इस उपाय को अपनाना शुरू किया, और अब यह तेजी से प्रचलित हो रहा है। लेकिन क्या वास्तव में कुत्ते लाल रंग से डरते हैं या इसके पीछे कोई वैज्ञानिक कारण छिपा है? आइए, इस रहस्य से पर्दा उठाते हैं। शहरों और गांवों में कई लोग कुत्तों के आतंक से परेशान रहते हैं। वे कुत्तों के भौंकने, पीछा करने और कभी-कभी काटने की घटनाओं से बचने के लिए अलग-अलग उपाय अपनाते हैं। इन्हीं में से एक नया तरीका है घरों के बाहर लाल रंग की बोतल टांगना। लोगों का मानना है कि लाल रंग देखकर कुत्ते डर जाते हैं और उस इलाके में नहीं आते। कुछ का कहना है कि कुत्ते इस रंग को खतरनाक मानते हैं, इसलिए वे इससे दूर रहना पसंद करते हैं। हालांकि, इस धारणा की वैज्ञानिक रूप से पुष्टि नहीं हुई है।
क्या कहता है विज्ञान?
अगर इस टोटके को वैज्ञानिक दृष्टिकोण से देखा जाए, तो कुत्ते वास्तव में कलर ब्लाइंड होते हैं। वे इंसानों की तरह सभी रंगों को नहीं देख सकते। विशेषज्ञों के अनुसार, कुत्ते मुख्य रूप से नीला और पीला रंग पहचान सकते हैं, जबकि लाल और हरे रंग को वे अलग से नहीं देख पाते। ऐसे में सवाल उठता है कि जब कुत्ते लाल रंग को पहचान ही नहीं सकते, तो फिर वे इससे डरते कैसे हैं? कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि लाल रंग की बोतल में जब रोशनी पड़ती है, तो उसकी चमक और छाया कुत्तों को असामान्य लग सकती है, जिससे वे भ्रमित हो सकते हैं और वहां से दूर जाने का प्रयास करते हैं।
क्या सच में काम करता है यह टोटका?
इस टोटके को अपनाने वाले कई लोग दावा कर रहे हैं कि उनके इलाके में कुत्तों की संख्या में कमी आई है। हालांकि, वैज्ञानिक तौर पर इस बात की कोई पुष्टि नहीं है कि लाल बोतल कुत्तों को डराने में कारगर होती है। कुछ विशेषज्ञों का कहना है कि यह केवल प्लेसिबो इफेक्ट हो सकता है, यानी लोगों को ऐसा लग रहा है कि कुत्ते लाल बोतल के कारण दूर भाग रहे हैं, जबकि इसका असल में कोई प्रभाव नहीं है।
NEWS SOURCE Credit : punjabkesari