दिल्ली के कथित शराब घोटाले से जुड़े CBI के मामले में राउज एवेन्यू कोर्ट ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की न्यायिक हिरासत 20 अगस्त तक बढ़ा दी है. उन्हें तिहाड़ जेल से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेश किया गया था.
इससे पहले सोमवार को दिल्ली हाई कोर्ट ने इसी घोटाले के मामले में CBI द्वारा मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी को बरकरार रखा. उच्च न्यायालय ने सोमवार को कहा कि CBI की कार्रवाई में कोई दुर्भावना नहीं है, एजेंसी ने दिखाया है कि AAP सुप्रीमो कैसे उन गवाहों को प्रभावित कर सकते हैं, जो उनकी गिरफ्तारी के बाद ही गवाही देने का साहस जुटा सकते हैं.
अदालत ने कहा कि CBI द्वारा केजरीवाल की गिरफ्तारी और प्रासंगिक सबूत जमा करने के बाद यह नहीं कहा जा सकता कि यह बिना किसी उचित कारण के या अवैध था. अदालत ने कहा कि केजरीवाल कोई साधारण नागरिक नहीं हैं, बल्कि मैगसायसाय पुरस्कार विजेता और आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक हैं.
हाई कोर्ट ने कहा कि प्रत्येक न्यायालय का यह दायित्व है कि वह यह सुनिश्चित करे कि गिरफ्तारी और रिमांड की असाधारण शक्तियों का दुरुपयोग न हो अथवा पुलिस द्वारा लापरवाही और अक्खड़ तरीके से इनका उपयोग न किया जाए.
दिल्ली हाईकोर्ट ने बुधवार (7 अगस्त) को ED से सवाल किया कि CM केजरीवाल को दी गई जमानत को चुनौती देनी वाली अर्जी में अब कौन सा पहलू बचा है, आबकारी नीति से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में उन्हें पहले ही सुप्रीम कोर्ट से अंतरिम जमानत मिल चुकी है.
हाईकोर्ट ने पूछा कि अगर ED की याचिका स्वीकार कर ली जाती है तो क्या यह एजेंसी मुख्यमंत्री को फिर गिरफ्तार करेगी? जस्टिस नीना बंसल कृष्णा ने ED के वकील से कहा, ”मेरे प्रश्न का उत्तर दीजिए. अगर मैं आपकी याचिका मंजूर कर लेती हूं तो क्या होगा. क्या आप उन्हें फिर गिरफ्तार कर लेंगे.”
इस पर ED के वकील ने कहा कि गिरफ्तारी का कोई प्रश्न ही नहीं है और किसी ने उनकी गिरफ्तारी को अवैध नहीं घोषित किया है. बता दें कि लोकसभा चुनाव के दौरान सीएम अरविंद केजरीवाल अंतरिम जमानत पर बाहर आए थे और चुनाव प्रचार अभियान में हिस्सा लिया था. बाद में उन्होंने 2 जून को तिहाड़ जेल में सरेंडर कर दिया था.
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