Haridwar : पिरान कलियर और आस पास के ग्रामीण क्षेत्रों में इबादत के साथ मनी शब-ए-बरात, मुसलमानों ने नमाज व तिलावत-ए-कुरआन में बिताई रात…

Haridwar : पिरान कलियर और आस पास के ग्रामीण क्षेत्रों में इबादत के साथ मनी शब-ए-बरात, मुसलमानों ने नमाज व तिलावत-ए-कुरआन में बिताई रात...

पिरान कलियर: (जीशान मलिक) पिरान कलियर और आस_पास के क्षेत्र की मस्जिदों और घरों में लोगों ने रात भर अल्लाह की इबादत की.कुरआन की तिलावत की.घरों में तरह तरह के हलवा बनाए गए. लोगों ने कब्रिस्तान में पहुंचकर अपने बुजर्गो के लिए दुआ की गुनाहों के लिए माफी मांगी.मुस्लिम समाज के लोगो ने नजदीक के कब्रिस्तान में पहुंचकर दुआए मगफरत की.रविवार की शाम मगरिब की नमाज के बाद मुसलमानों ने इबादत शुरू की. इसकी तैयारी में लोग सुबह से ही जुटे थे.शब-ए-बरात की रात शहर भर की मस्जिदों के अलावा कब्रिस्तानाें व घरों मे प्रकाश व सफाई की बेहतर व्यवस्था की गई. Shab-e-Barat was celebrated with prayers in Kaliyar

मुसलमानों ने मस्जिदों और घरों में नवाफिल की नमाजें अदा की.तिलावते कुरआन पाक और सुरियाशीन की.लोगो ने अपने गुनाहों से तौबा करते हुए अल्लाह से माफी मांगी.आने वाले समय में नेक काम करने, परहेजगार बनने, अल्लाह व उसके रसूल के बताए रास्ते पर चलने की अल्लाह से दुआए मांगी.पुरूष-महिलाओ छोटे-छोटे बच्चे एवं बच्चियों ने एक दिन का नवाफिल रोजा रखा.रात भर मुसलमान मस्जिदों और घरों में इबादत करते नजर आए.कुरआन-पाक की तिलावत में मशगूल रहे.लोगों ने नमाज अदा कर गुनाहों के लिए माफी मांगी. Shab-e-Barat was celebrated with prayers in Kaliyar

अल्लाह पाक हमे नेक रास्ते पर चलाने की तौफिक अता फरमाए.लोग अपने बुजुर्गों की कब्र पर दुआएं मांग रहे थे. अल्लाह से अपने हमारे बुजर्गों को और हमे जन्न्त नसीब फरमाए. Shab-e-Barat was celebrated with prayers in Kaliyar

समाजसेवी जीशान मलिक ने बताया कि शब-ए-बरात एक अरबी शब्द है, जिसका अर्थ होता है गुनाहों से छुटकारे की रात.यह पर्व अरबी महीना शाबान की 14 का दिन गुजार के 15वीं की रात में मनाया जाता है. Shab-e-Barat was celebrated with prayers in Kaliyar

और बताया कि इस रात बंदों को खूब इबादत करनी चाहिए.और अगले दिन रोजा रखना चाहिए. अपने बुजर्गो के लिए कब्रों पर जाकर और घरों में फातेहा पढ़कर सवाब पहुंचाना चाहिए. और कहा की इस रात हमे आतिशबाजी से दूर रहना चाहिए आतिशबाजी नही करनी चाहिए। Shab-e-Barat was celebrated with prayers in Kaliyar