Roorkee : ऊर्जा, पर्यावरण एवं स्थिरता पर अंतर्राष्ट्रीय रासायनिक अभियांत्रिकी सम्मेलन 2024 का आयोजन

Roorkee : ऊर्जा, पर्यावरण एवं स्थिरता पर अंतर्राष्ट्रीय रासायनिक अभियांत्रिकी सम्मेलन 2024 का आयोजन

रुड़की : भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान रुड़की के रासायनिक अभियांत्रिकी विभाग ने 15-17 फरवरी 2024 तक ऊर्जा, पर्यावरण एवं स्थिरता (आईसीईसीईईएस-2024) पर तीन दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय रासायनिक अभियांत्रिकी सम्मेलन का आयोजन किया। यह संस्थान की स्थापना के 60 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में था।सम्मेलन के विषय में रासायनिक अभियांत्रिकी के सभी प्रमुख क्षेत्र शामिल थे, जैसे सर्कुलर इकोनॉमी, सतत एवं नवीकरणीय ऊर्जा, हरित प्रक्रियाएं, और स्थानांतरण प्रक्रियाएं व कम्प्यूटेशनल मॉडलिंग। सम्मेलन का उद्देश्य शिक्षा जगत एवं उद्योगों में विभिन्न स्तरों पर काम करने वाले लोगों के बीच विचारों के आदान-प्रदान के लिए एक मंच प्रदान करना था। Organization of International Chemical Engineering Conference 2024 on Energy

सम्मेलन में संकाय सदस्यों, वैज्ञानिकों, उद्योगों और अन्य सरकारी एजेंसियों के व्यक्तियों, अनुसंधान विद्वानों, छात्रों आदि ने भाग लिया। रासायनिक अभियांत्रिकी विभाग की स्थापना 1963 में रासायनिक अभियांत्रिकी में एक स्नातक कार्यक्रम के साथ की गई थी। पिछले कुछ वर्षों में विभाग का विकास हुआ तथा शिक्षण एवं अत्याधुनिक अनुसंधान में बहुत ऊंचे मानक स्थापित किए गए। वर्षों से, विभाग ने स्थानीय रसायन और प्रक्रिया उद्योगों का समर्थन किया है। विभाग में वर्तमान में 25 संकाय सदस्य और 500 से अधिक छात्र हैं। विभाग के पास बीईटी सतह क्षेत्र विश्लेषक, एलसीएमएस, एचपीएलसी, यूवी स्पेक्ट्रोमीटर, एफटीआईआर विश्लेषक, रियोमीटर, माइक्रो-पीआईवी, हाई स्पीड कैमरा, रमन स्पेक्ट्रोस्कोपी इत्यादि जैसे उच्च अंत विश्लेषणात्मक उपकरण भी हैं।

विभाग रासायनिक अभियांत्रिकी के व्यापक क्षेत्रों में अनुसंधान कार्य पर ध्यान केंद्रित करता है, जैसे कि तरल और ठोस अपशिष्ट प्रबंधन, हरित उत्प्रेरक, टिकाऊ ऊर्जा, ऊर्जा भंडारण, प्रक्रिया डिजाइन और गहनता, प्रक्रिया मॉडलिंग एवं सिमुलेशन, दवा वितरण, परिवहन व पृथक्करण प्रक्रियाएं, प्रक्रिया सुरक्षा, CO2 कैप्चर व उपयोग, और जैव रासायनिक तथा जैव प्रक्रिया अभियांत्रिकी। विभाग भारत सरकार के रसायन तथा उर्वरक मंत्रालय के रसायन और पेट्रोकेमिकल्स विभाग द्वारा प्रायोजित पेट्रोकेमिकल्स में उत्कृष्टता केंद्र चलाता है। Organization of International Chemical Engineering Conference 2024 on Energy

प्रोफेसर के.के. पंत, निदेशक, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान रुड़की संरक्षक ने मुख्य अतिथि सुश्री वर्तिका शुक्ला, सीएमडी, ईआईएल तथा प्रोफेसर शिशिर सिन्हा, महानिदेशक, सीआईपीईटी सह-संरक्षक के साथ कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई।उल्लेखनीय प्रतिष्ठित वक्ताओं में ऑस्ट्रेलिया के एडिलेड विश्वविद्यालय के प्रोफेसर शिज़हांग क़ियाओ, प्रोफेसर कुमार पैचिगोला, टीसाइड यूनिवर्सिटी, यूके, प्रोफेसर सोफी हरमन्स, यूनिवर्सिटी कैथोलिक डी लौवेन, बेल्जियम, प्रोफेसर लुइस मिगुएल मदीरा, पोर्टो विश्वविद्यालय, पुर्तगाल, डॉ. डी.के. चंद्राकर, बीएआरसी और एचबीएनआई, मुंबई, डॉ थल्लाड भास्कर, सीएसआईआर-आईआईपी, देहरादून, प्रोफेसर सिरशेंदु डे, आईआईटी खड़गपुर, प्रोफेसर पीटर एंगलेज़ोस, ब्रिटिश कोलंबिया विश्वविद्यालय, कनाडा, प्रोफेसर नागु दाराबोइना, तुलसा विश्वविद्यालय, यूएसए, प्रोफेसर शिजुन एन रवीन्द्रन, एम्स्टर्डम विश्वविद्यालय, नीदरलैंड, प्रोफेसर पानागियोटा एंजेली, यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन, यूके, प्रोफेसर जू डोंग ली, कोरिया इंस्टीट्यूट ऑफ इंडस्ट्रियल टेक्नोलॉजी, दक्षिण कोरिया, डॉ. सैयद जी दस्तागर, सीएसआईआर-एनसीएल, पुणे, और प्रोफेसर हेम राज पंत, त्रिभुवन विश्वविद्यालय, नेपाल शामिल रहे। Organization of International Chemical Engineering Conference 2024 on Energy

सम्मेलन के मूल भाव पर टिप्पणी करते हुए, प्रोफेसर के.के. पंत, निदेशक, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान रूड़की, कहते हैं, “आईसीईसीईईएस सभी प्रतिष्ठित प्रतिभागियों को अपने शोध का प्रदर्शन करने एवं सम्मेलन के विषय से संबंधित उभरती भविष्य की चुनौतियों का समाधान करने के लिए एक मंच प्रदान करता है। प्रतिभागियों को सम्मेलन के विषयों के विस्तृत स्पेक्ट्रम पर अपने हालिया शोध निष्कर्षों को प्रस्तुत करने और परिपत्र अर्थव्यवस्था के सिद्धांतों का पालन करते हुए टिकाऊ प्रक्रियाओं पर नई चुनौतियों, भविष्य के रुझानों एवं तकनीकी नवाचारों के बारे में सूचित करने का अवसर मिलेगा। मुख्य अतिथि सुश्री वर्तिका शुक्ला, सीएमडी, ईआईएल ने कहा, सम्मेलन छात्रों, शोधकर्ताओं, वैज्ञानिकों व हितधारकों को टिकाऊ ऊर्जा एवं पर्यावरण के क्षेत्र में नए विचार विकसित करने का अवसर प्रदान करेगा जो समय की आवश्यकता है। समाज को कार्बन मुक्त बनाने के लिए टिकाऊ हरित और नवीकरणीय संसाधनों का उपयोग करने का प्रयास किया जाना चाहिए। Organization of International Chemical Engineering Conference 2024 on Energy