SBI का ग्राहकों को तोहफा! अपने इन कस्टमर्स को हर महीने भेज रहा है चॉकलेट, जानिए क्यों?

SBI का ग्राहकों को तोहफा! अपने इन कस्टमर्स को हर महीने भेज रहा है चॉकलेट, जानिए क्यों?

अगर आप भी देश के सबसे बड़े सरकारी बैंक एसबीआई के ग्राहक हैं और आपने बैंक से कोई लोन लिया हुआ है, तो यह सुनिश्चित करें कि आपसे कोई ईएमआई नहीं छूटे, वर्ना बैंक ने अब आपके लिए खास योजना तैयार की है. एसबीआई की यह योजना वैसे ग्राहकों के लिए है, जिनके बारे में बैंक को आशंका हो जाती है कि वह शायद महीने की पेमेंट मिस कर दे. अब बैंक उनसे समय पर किस्तें भरवाने की नई योजना लेकर आया है.

ऐसे ग्राहकों को मिलेंगे चॉकलेट

भारतीय स्टेट बैंक की यह योजना अनोखी है. इसमें बैंक को अगर लगेगा कि कोई ग्राहक समय पर पेमेंट नहीं करने वाला है तो बैंक उसके घर पर चॉकलेट भेजेगा. बैंक ने इस बारे में बताया कि जो ग्राहक ईएमआई नहीं भरने वाला होता है, वह अक्सर बैंक के रिमाइंडर कॉल का जवाब नहीं देता है. इससे पता चल जाता है अमुक ग्राहक की योजना पेमेंट नहीं करने की है. ऐसे में बैंक अब सीधे उनके घर पर उन्हें चॉकलेट देकर पेमेंट करने की याद दिलाएगा.

रिपेमेंट में सुधार लाने का प्रयास

एसबीआई की यह मुहिम ऐसे समय आई है, जब बैंकिंग इंडस्ट्री में रिटेल लोन में तेजी आई है. रिटेल लोन बढ़ने के साथ-साथ मंथली ईएमआई में डिफॉल्ट के भी मामले बढ़े हैं. ऐसे में सभी बैंक ईएमआई और रिपेमेंट के लिए तरह-तरह की मुहिम चला रहे हैं. एसबीआई की यह चॉकलेट योजना भी बेहतर वसूली सुनिश्चित करने का प्रयास है.

इतना बढ़ा बैंक का रिटेल लोन

एसबीआई के मामले में देखें तो रिटेल लोन जून 2023 तिमाही में बढ़कर 12,04,279 करोड़ रुपये पर पहुंच गया. यह साल भर पहले यानी जून 2022 तिमाही में 10,34,111 करोड़ रुपये था. इस तरह देखें तो बैंक के रिटेल लोन में एक साल में 16.46 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई है. एसबीआई की कुल उधारी जून 2023 में 33,03,731 करोड़ रुपये थी. इस तरह बैंक के लोन बुक में सबसे ज्यादा हिस्सेदारी अब रिटेल लोन की है.

अभी चल रहा है बैंक का प्रयोग

एसबीआई के मैनेजिंग डाइरेक्टर व रिस्क, कम्पलायंस, स्ट्रेस्ड एसेट्स के प्रभारी अश्विनी कुमार तिवारी का कहना है कि बैंक का यह अभियान अभी पायलट स्टेज में है. एसबीआई ने इसे 10-15 दिनों पहले ही शुरू किया है, लेकिन शुरुआती रिस्पॉन्स काफी शानदार है और इस अभियान से कलेक्शन में सुधार हो रहा है. उन्होंने कहा कि अगर पायलट स्टेज में अच्छे परिणाम मिलते रहते हैं तो इसे बड़े स्तर पर अपनाया जा सकता है.