22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने सिर्फ एक बेटा नहीं छीना, एक पूरे परिवार की जिंदगी बदल दी। कानपुर के श्याम नगर निवासी शुभम द्विवेदी की उस हमले में बेरहमी से जान ले ली गई थी। अब, जब भारतीय वायुसेना ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) के नौ आतंकी ठिकानों को ध्वस्त किया, तो शुभम के पिता संजय द्विवेदी की आंखों में आंसू थे-लेकिन इस बार राहत और गर्व के। उन्होंने कहा, “हमारे बच्चों के खून की एक-एक बूंद का बदला लिया जाएगा,” कहते हुए उनका गला भर आया।
उन्होंने कहा, “भारत के जांबाज़ों ने बहावलपुर और सियालकोट जैसे आतंकी ठिकानों को तबाह कर इंसाफ की राह पर पहला कदम बढ़ाया है। हमारे कलेजे को ठंडक मिलने की शुरुआत हो चुकी है।” संजय द्विवेदी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को खुलकर धन्यवाद दिया। “मोदी जी, आपने मेरे बेटे की शहादत को व्यर्थ नहीं जाने दिया। आपने साबित कर दिया कि भारत अब सिर्फ सहता नहीं, जवाब देता है। मैं आजीवन आपका आभारी रहूंगा।”
उनके मुताबिक, उन्हें जानकारी थी कि शुभम की हत्या की साजिश आतंकी मसूद अजहर ने रची थी, जो बहावलपुर में छिपा था। अब, जब वहीं सबसे ज्यादा बम बरसे हैं, तो उन्हें लगता है कि बेटे के कातिलों को उनका हश्र मिलना शुरू हो चुका है। “भारत के दुश्मन अब कहीं भी छिपे हों, वे नहीं बचेंगे। ऑपरेशन सिंदूर उन सबका अंत लेकर आएगा। यह शुरुआत है- इंसाफ की, प्रतिशोध की और शहीदों की आत्मा को शांति देने की।” शुभम की मां कुछ बोल नहीं सकीं, लेकिन उनका चेहरा बता रहा था कि यह वार आतंकियों पर नहीं, उनके घावों पर मरहम जैसा है।
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