हिमाचल: प्रदेश में भांग की खेती को क़ानूनी किया जाएगा…

कांग्रेस नेता विक्रमादित्य सिंह ने कहा

“मुख्यमंत्री ने कहा कि पांच को प्रदेश के सभी कर्मचारियों को वेतन मिल जाएगा. दस को पेंशन मिल जाएगी. इसके पीछे उन्होंने तर्क दिया है कि कुछ प्रतिशत ब्याज लगता है. ऐसे में सालाना 36 करोड़ का घाटा होता है. महीने में 3 करोड़ का घाटा हो रहा था.”

उन्होंने कहा, “इसमें कोई दो राय नहीं है कि हिमाचल प्रदेश की वित्तीय परिस्थिति दो से ढाई दशकों से ठीक नहीं है. समय-समय पर हमने लोन भी लिया है. समय-समय पर एशियन डेवलपमेंट बैंक और विश्व बैंक से सहयोग मिला. केंद्र सरकार से भी समय-समय पर सहयोग मिला. मनमोहन सिंह और अटल विहारी वाजपेयी की सरकार के दौरान बड़े-बड़े वित्तीय पैकेज मिले.”

विक्रमादित्य सिंह ने कहा, “इंडस्ट्रियल पैकेज प्रदेश को मिला. इसकी वजह से हमारे इंडस्ट्रियल एरिया में फार्मास्युटिकल सेक्टर बहुत बड़े स्तर पर प्रदेश में काम कर रहा है. ये सब हुआ है, लेकिन प्रदेश में वित्तीय संकट ज़रूर है.”

उन्होंने कहा, “पहले 12 हजार करोड़ रुपये के करीब मिलता था, लेकिन 15वें वित्त आयोग की सिफारिश के बाद 3 हजार करोड़ रुपये हो जाएगा. पैसे लेने पर सीमा लगाई जा रही है.”

विक्रमादित्य सिंह ने बताया, “इन सबके कारण प्रदेश में ये समस्या है, लेकिन सरकार महत्वपूर्ण कदम उठा रही है. हमें ये भी देखना है कि आबकारी नीति से हमें करोड़ों रुपये का फ़ायदा हुआ है. वॉटर सेस प्रदेश में लगाया गया है.आज ही नया बिल विधानसभा में पारित होने वाला है. इसमें भांग की खेती को कानूनी किया जाएगा.”

उन्होंने बताया कि ये सिर्फ नशे के लिए नहीं बल्कि फार्मास्युटिकल और कपड़े सहित कई सेक्टर में इसका इस्तेमाल होता है.

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