प्रदूषण और यातायात की भीड़भाड़ से निपटने के लिए डीएम सविन बंसल ने देहरादून में इलेक्ट्रिक वाहन (EV) चार्जिंग स्टेशन के लिए 9 स्थान चयनित किये हैं।
देहरादून: प्रदूषण और यातायात की भीड़भाड़ से निपटने के लिए देहरादून जिला प्रशासन जल्द ही शहर में नौ इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) चार्जिंग स्टेशन स्थापित करेगा।
डीएम सविन बंसल ने मीडिया को बताया कि देहरादून नगर निगम (डीएमसी) ने सर्वेक्षण के बाद नौ ईवी चार्जिंग स्टेशनों के लिए स्थानों को चयनित किया है।
ईवी चार्जिंग स्टेशन चालू होने की जिला प्रशासन पूरी कोशिशों में
देहरादून डीएम सविन बंसल ने बताया कि “परियोजना शून्य-निवेश मॉडल पर आधारित होगी। ब्लू-चिप कंपनियों को सरकारी जमीन का एक छोटा टुकड़ा प्रदान किया जाएगा, जो ईवी चार्जिंग स्टेशन का आवश्यक बुनियादी ढाँचा स्थापित करेंगे। राजस्व-साझाकरण मॉडल पर अभी फैसला होना बाकी है।” डीएम बंसल ने कहा कि परियोजना को शुरू होने में दो महीने वक्त लग सकता है लेकिन इस वित्तीय वर्ष के भीतर पूरी तरह से ईवी चार्जिंग स्टेशन चालू होने की जिला प्रशासन पूरी कोशिशों में है।
देहरादून के कोनसे इलाको मै लगेगे (EV) चार्जर स्टेशन
देहरादून के भीड़भाड़ वाले इलाकों जैसे गांधी पार्क, रिस्पना पुल, घंटाघर और आईटी पार्क के आसपास के क्षेत्रों में नौ इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) चार्जिंग स्टेशन स्थापित करने की जिला प्रशासन की योजना है। राजधानी देहरादून में दिन-दूने रात-चौगुने के हिसाब से बढ़ रहे प्रदूषण को कम करने में इन नौ इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग स्टेशन से काफी मदद मिलेगी। सहायक बुनियादी ढाँचा तैयार होने के बाद दूनवासियों को ईवी की ओर रुख करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। प्रत्येक स्टेशन पर एक साथ दो वाहन एक बार चार्ज होने में 45-50 मिनट का समय लेंगे। अधिकारियों ने मीडिया को जानकारी देते हुए कहा कि सार्वजनिक परिवहन के चार पहिया वाहन भी इन स्टेशनों का उपयोग कर सकेंगे।
सफाई और स्वच्छता पर बारीकी से नज़र रखी जा रही है
इस बीच, जिला प्रशासन ने अन्य सार्वजनिक मुद्दों के बारे में बताया कि “भूमिगत कार्य के बाद आवश्यक सड़क मरम्मत पैचवर्क के लिए जल संस्थान को 75 लाख रुपये के साथ ही वर्तमान में स्कूलों के लिए जिला शिक्षा विभाग को 1 करोड़ रुपये की गैप फंडिंग दी गई है। सफाई और स्वच्छता पर बारीकी से नज़र रखी जा रही है, जबकि डीएमसी ने लगभग 550 शिकायतों के बैकलॉग को कम करने के लिए स्ट्रीट लाइट रखरखाव का काम अपने हाथ में ले लिया है। इसके लिए 35 टीमें बनाई गई हैं, और उन्हें 20 अतिरिक्त वाहन जारी किए जाएंगे। गांधी शताब्दी अस्पताल में नया एनआईसीयू अगले महीने तक चालू होने की उम्मीद है।