सीएमओ कार्यालय में कार्यरत वरिष्ठ लिपिक को मृतक आश्रित कोटे की नियुक्ति पत्रावली को अग्रसारित करने के लिए दस हजार रिश्वत के लेते हुए भ्रष्टाचार निवारण संगठन ने पकड़ा। आरोपित ने शिकायतकर्ता को सीएमओ को कार्यालय में बुलाया था। शिकायतकर्ता से जैसे ही आरोपित वरिष्ठ लिपिक राकेश कुमार ने रकम ली तो भ्रष्टाचार निवारण संगठन की टीम ने रेड कर दी। आरोपित को रंगे हाथ दस हजार की रिश्वत लेते पकड़ लिया।

गागलहेड़ी के तिवाया निवासी मनोज कुमार ने पुलिस को बताया कि उनकी सास शशि बाला अस्पताल में एनएनएम के पद पर कार्यरत थी। वर्ष 2021 में बीमारी के कारण उनकी मृत्यु हो गई थी। उनके दो बेटी बोसकी कपिल और सोनम कपिल है। बोसकी कपिल की की शादी मनोज कुमार के साथ हुई थी।मृतक आश्रित कोटे से बोसकी कपिल ने नौकरी के लिए आवेदन किया था। वर्ष 2021 से वह मृतक आश्रित कोटे से नौकरी के लिए दफ्तरों के चक्कर काट रही थी, लेकिन कुछ नहीं हो सका। कुछ माह पहले सीएमओ कार्यालय में तैनात वरिष्ठ लिपिक राकेश कुमार से मुलाकात हुई। वरिष्ठ लिपिक ने नौकरी दिलाने का आश्वासन दिया। मृतक आश्रित कोटे से नियुक्ति की पत्रावली को अग्रसारित करने के लिए पचास हजार रुपये मांगे।
शिकायतकर्ता ने कहा कि रकम बहुत अधिक है। वह इतनी रकम नहीं दे सकता। इसके बाद वरिष्ठ लिपिक ने पत्रावली को अग्रसारित करने से इंकार कर दिया। बाद में शिकायतकर्ता पचास हजार रुपये देने के लिए राजी हो गया। जिसमे दस हजार रुपये शुरूआत में देने थे और बाद में अलग-अलग किस्तों में बाकी रकम अदा करनी थी। इससे पहले भी शिकायतकर्ता से आरोपित पहले भी रुपये ले चुका था।
रंगे हाथों किया गिरफ्तार
शिकायतकर्ता ने परेशान हो गया था। इसके बाद शिकायतकर्ता ने भ्रष्टाचार निवारण संगठन की टीम को सभी बातें बताई। भ्रष्टाचार निवारण संगठन सहारनपुर मंडल की टीम ने योजना बनाई। वरिष्ठ लिपिक ने शिकायतकर्ता को सीएमओ कार्यालय स्थित अपने दफ्तर में रकम लेकर बुलाया। जैसे ही वरिष्ठ लिपिक ने दस हजार रुपये लिए तो टीम ने छापामारी कर दी। टीम ने आरोपित वरिष्ठ लिपिक को दस हजार की रिश्वत के साथ रंगे हाथों पकड़ लिया। आरोपित के खिलाफ सदर बाजार थाने में केस दर्ज किया गया है।