पिथौरागढ़ : उत्तराखंड में लगातार भूकंप के झटके महसूस किए जा रहे हैं। हाल ही में पिथौरागढ़ जिले में धरती डोल गई। यहां भूकंप के झटके महसूस किए गए। धरती के हिलने का अहसास होते ही डरे हुए लोग घरों से बाहर निकल आए। काफी देर तक लोगों की घर के भीतर जाने की हिम्मत नहीं हुई। भूकंप का केंद्र मुनस्यारी के मिलम ग्लेशियर क्षेत्र में पांच किलोमीटर की गहराई पर था। जिला आपदा प्रबंधन विभाग से मिली जानकारी के अनुसार भूकंप से किसी तरह के नुकसान की सूचना नहीं है। रिक्टर पैमाने पर भूकंप की तीव्रता 3.2 मैग्नीट्यूड मापी गई। भूकंप क्योंकि कम तीव्रता का था, इसलिए ज्यादातर लोगों को इसके आने का पता ही नहीं चला। राहत इस बात की है कि क्षेत्र में कहीं से भी जान-माल के नुकसान की कोई खबर नहीं है। बता दें कि उत्तराखंड के चमोली, पिथौरागढ़, रुद्रप्रयाग और उत्तरकाशी जैसे जिलों में लगातार भूकंप के झटके महसूस किए जा रहे हैं। भूकंप के लिहाज से पूरा प्रदेश जोन चार और जोन पांच में आता है।
पिछले कुछ वक्त से यहां लगातार भूकंप के झटके महसूस किए जा रहे हैं। अप्रैल में उत्तरकाशी जिले में कई बार भूकंप के झटके महसूस किए गए। वैज्ञानिक पहले ही कह चुके हैं कि उत्तराखंड क्षेत्र में तुर्की-सीरिया से बड़ा भूकंप आने की आशंका है। उनका कहना है कि उत्तराखंड में जमीन के अंदर ज्यादा स्ट्रेस बन रहा है और इस तनाव को खत्म करने के लिए एक बड़ा भूकंप आ सकता है। वॉर्निंग दे दी गई है, हालांकि भूकंप के समय के बारे में वैज्ञानिक ठीक से जानकारी नहीं दे पाए हैं। इतना जरूर है कि विनाशकारी भूकंप कभी भी आ सकता है और इसकी तीव्रता 8 रिक्टर स्केल हो सकती है। उत्तराखंड में कम तीव्रता वाले भूकंप आते रहते हैं, लेकिन प्रदेश के चमोली में 1999 में 6.5 और उत्तरकाशी में 1991 में 6.4 तीव्रता के भूकंप भारी नुकसान पहुंचा चुके हैं।