संभल हिंसा: कहीं राख से काली हुई सड़कें और जलती हुई कार और बाइके दे रही हिंसा की गवाही। …

संभल :- जामा मस्जिद से नखासा और हिंदूपुरा खेड़ा तक सन्नाटा पसरा रहा। चौक-चौराहों पर अधिकतर पुलिसकर्मी ही दिखे। इन सबके बीच कहीं गोली के निशान तो कहीं राख से काली हुई सड़कें और दीवारें बवाल की कहानी बयां कर रही थीं। जान गंवाने वालों के परिजन व आम लोग भी सीधे तौर पर कुछ भी कहने से बचते रहे। बवाल वाले क्षेत्रों से सैकड़ों लोग घरों पर ताला लगाकर अपने रिश्तेदारों के घर चले गए।

संभल की जामा मस्जिद से करीब आठ सौ मीटर की दूरी पर मोहल्ला कोट गर्वी तबेला में मिले इरशाद बेबस नजर आए। बवाल पर सवाल किया तो कुछ देर तक खामोश रहे, लेकिन बाद में इशारा करते हुए तिराहे पर ले गए। वहां निहाल के किराने की दुकान के शटर पर लगी गोली के निशान को हाथ उठाकर दिखाया।

वहीं रोडवेज में कंडक्टर रिजवान के मकान के बाहर की खिड़की के टूटे शीशे की ओर भी इशारा करते हुए कहा कि इसे भी देखिए। इसके बाद कुछ कहने की जरूरत नहीं है। बवाल में मेरे भांजे नईम की मौत हो गई। उसके चार बच्चे हैं। रविवार की सुबह हंसते मुस्कुराते अपनी मिठाई की दुकान पर गया था। शाम को कफन में लिपटा घर लौटा।

सरायतरीन के झालीजामन वाली गली में युवाओं की भीड़ दिखी। सभी के चेहरे पर गम और गुस्सा साफ झलक रहा था। युवाओं की भीड़ के बीच यही सवाल उठ रहे थे कि मोहल्ले के मोहम्मद बिलाल को क्यों मार दिया गया। उसका क्या कसूर था। इनके बीच खड़े बिलाल के भाई अलीम ने बेबसी के साथ कहा कि हमें इंसाफ चाहिए।

मोहल्ला तुर्तीपुरा की संकरी गली के मोड़ पर अजान लोगों की एंट्री होने पर महिलाएं घरों की खिड़कियों से झांकने लगीं। जान गंवाने वाले कैफ के मामा घर के बाहर खड़े मिले। उन्होंने बताया कि जामा मस्जिद के पास कैफ को उसकी मौत खींच ले गई। पोस्टमार्टम कराने के समय पुलिस ने उसकी मौत की सूचना दी। कुछ ऐसी ही गम, गुस्सा और बेबसी की तस्वीर आम लोगों के बीच से भी उभरकर सामने आई।

बवाल की मंशा नहीं थी तो सीसीटीवी कैमरे क्यों तोड़े
संभल में हुए बवाल के दौरान उपद्रवियों ने जिस तरह दुकानों के बाहर लगे सीसीटीवी कैमरों को तोड़ा, उससे उनकी मंशा पर सवाल उठा रहे हैं। मोहल्ला कोट पूर्वी में सोमवार को जब स्थिति कुछ सामान्य हुई तो अपनी दुकानों की स्थिति का जायजा लेने दुकानदार भी पहुंच गए। दुकानदारों का कहना था कि उपद्रवियों ने सीसीटीवी कैमरे तोड़ दिए ताकि उनका उपद्रव सामने न आ सके। दुकानदारों ने कहा कि रविवार को बवाल होने के कारण दुकानें नहीं खोली थीं। रात में कार घर के बाहर खड़ी छोड़ दी थी, सुबह बवाल में वह आग के हवाले हो गई।
सोमवार सुबह जब नगर पालिका की टीम ने जामा मस्जिद के आसपास सफाई की तो ट्रॉली भरकर पत्थर व चप्पलें हटाई गई। स्थानीय निवासी अनवर की कार का शीशा भी पत्थरबाजी से बुरी तरह चटक गया। लोगों का कहना था कि किसी को आशंका नहीं थी कि ऐसा उपद्रव होगा। जामा मस्जिद के आसपास 500-700 मीटर की परिधि में सड़कों, घरों की दीवारों पर हिंसा की कई निशानियां हैं।

जामा मस्जिद के पास से हटाई गईं ईंटें
रविवार को पथराव के बाद जामा मस्जिद के आसपास की सड़कें ईंट-पत्थर से भर गई थीं। सोमवार को भी नगर पालिका परिषद के कर्मचारी ईंट-पत्थर के साथ चप्पल-जूते ट्रॉलियों में भरते नजर आए। इसके अलावा जामा मस्जिद के पास पहले से रखी गई ईंटों को भी ट्रैक्टर ट्रॉली में भरकर वहां से हटा दिया गया।

सपा सांसद और विधायक के बेटे समेत 2500 पर एफआईआर
संभल में बवाल के दूसरे दिन सोमवार को शांति के बीच पुलिस ने सपा सांसद जियाउर्रहमान बर्क, विधायक इकबाल महमूद के बेटे सुहेल इकबाल समेत 2500 लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की। बर्क और सुहेल पर बलवा कराने की साजिश का आरोप है। वहीं तीन महिलाओं समेत 27 आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। वहीं जामा मस्जिद के सदर जफर अली एडवोकेट को पुलिस ने पूछताछ के लिए बुलाया। सीओ अनुज चौधरी, एसपी के पीआरओ संदीप कुमार, दरोगा दीपक राठी और शाह फैसल की तहरीर पर संभल कोतवाली में पांच और नखासा थाने में दो मुकदमे दर्ज किए गए। इसमें 2500 लोगों को आरोपी बनाया गया है।

तीन महिलाओं समेत 27 आरोपियों को भेजा जेल
उधर, गिरफ्तार तीन महिलाओं समेत 27 आरोपियों को लेकर मेडिकल परीक्षण कराने पुलिस संभल के सरकारी अस्पताल पहुंची। अस्पताल के बाहर लोगों की भीड़ जुट गई। पुलिस ने आरोपियों को कोर्ट में पेश करने के बाद मुरादाबाद जेल भेज दिया। बवाल के दूसरे दिन प्रभावित मोहल्लों में सन्नाटा पसरा रहा। दिनभर पुलिस की गाड़ियां दौड़ती रहीं। पुलिस-प्रशासन के अधिकारी लोगों से शांति व्यवस्था बनाए रखने की अपील करते रहे। उपद्रवियों की पहचान के लिए पुलिस सीसीटीवी फुटेज और ड्रोन से लिए गए फोटो व वीडियो खंगाल रही है।

बवाल में जान गंवाने वाले नईम, बिलाल और कैफ के शवों को पोस्टमार्टम के बाद रविवार देर शाम ही पुलिस ने अलग-अलग कब्रिस्तानों में सुपुर्द-ए-खाक करा दिया था। रोमान के परिजनों ने बिना पोस्टमार्टम ही शव को दफन कर दिया। बता दें कि रविवार की सुबह कोर्ट कमिश्नर जामा मस्जिद का सर्वे करने के लिए पहुंचे तो मस्जिद के आसपास भीड़ एकत्र हो गई थी। सुबह करीब साढ़े आठ बजे पुलिस ने भीड़ को हटाने का प्रयास किया तो बवाल शुरू हो गया था। इसमें पांच लोगों की जान चली गई थी।