बहराइच–(भूमिक मेहरा) बहराइच के महाराजगंज में दुर्गा प्रतिमा विसर्जन के दौरान हुए बवाल में युवक की हत्या का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। युवक रामगोपाल मिश्रा (24) की हत्या के बाद आक्रोशित भीड़ ने जिले में जमकर उत्पात मचाया। इस दौरान जमकर पथराव और आगजनी हुई। हालांकि, मंगलवार को जिले में शांति रही। जिले में हिंसा प्रभावित इलाकों में चप्पे-चप्पे पर पुलिसकर्मी तैनात रहे।
पुलिस ने पोस्टमार्टम रिपोर्ट पर चल रही अफवाहों का किया खंडन
हिंसा में मारे गए रामगोपाल मिश्रा की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट को लेकर सोशल मीडिया पर कई तरह की अफवाहें चल रही हैं। यूपी पुलिस ने इन अफवाहों का खंडन किया। पुलिस ने स्पष्ट किया है कि रामगोपाल की मौत गोली लगने से हुई है। गोली लगने से पहले या बाद में उसके करंट के झटके नहीं दिए गए। न ही उसे तलवार से काटा गया। पुलिस ने स्पष्ट किया कि उसके पैरों के नाखून भी नहीं नोचे या उखाड़े गए। एक अपील जारी करते हुए पुलिस के द्वारा कहा गया है कि सोशल मीडिया में साम्प्रदायिक सौहार्द को बिगाड़ने के उद्देश्य से भ्रामक सूचना जैसे मृतक को करंट लगाना, तलवार से मारना एवं नाखून उखाड़ना आदि बातें फैलाई जा रही हैं जिसमें कोई सच्चाई नहीं है। पोस्टमॉर्टम में मृत्यु का कारण गोली लगने से होना पाया गया है। इस घटना में एक व्यक्ति के अतिरिक्त अन्य किसी की मृत्यु नहीं हुई है। अतः सभी से अनुरोध है कि साम्प्रदायिक सौहार्द को बनाये रखने के लिए अफवाहों पर ध्यान न दें व भ्रामक सूचनाओं को प्रसारित न करें।
30 से 35 छर्रे धसने की पुष्टि हुई
विभागीय सूत्र ने बताया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मृतक रामगोपाल मिश्रा के शरीर में 30 से 35 छर्रे धसने की पुष्टि हुई हैं। वहीं छर्रे मृतक के चेहरे, गले और सीने में धंसे मिले हैं। जो साफ जाहिर कर रहे है कि उसे तीन से अधिक भरुआ कारतूस मारी गई है। मृतक के कंधों के नीचे भी मौत की पुष्टि के लिए गोली मारी गई है।
पुलिस ने 55 से अधिक लोगों को किया गिरफ्तार
जिले में सुरक्षा के मद्देनजर पुलिस फोर्स अब भी तैनात है और एडीजी गोरखपुर जोन केएस प्रताप व कमिश्नर शशि भूषण लाल समेत आला अधिकारी कैंप कर रहे हैं। घटना के बाद अब तक 12 मुकदमा दर्ज किए गए हैं और 55 से अधिक लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। बुधवार को चौथे दिन हिंसा प्रभावित रमपुरवा, भगवानपुर, हरदी, शिवपुर, खैरा बाजार में दुकानें खुली रहीं और स्थिति सामान्य रही। लोग बेखौफ बाजारों में निकले और रोजमर्रा के जरूरी सामान खरीदते दिखे।