पत्नी ने सेक्स से किया इनकार तो बच्चे का इस्तेमाल, पापा गंदी-गंदी चीजें करते हैं…, HC ने क्या कहा?

एक पिता का अपने बच्चे को प्राइवेट पार्ट्स दिखाना और उसे सेक्स फिल्म दिखाना POCSO ऐक्ट के तहत अपराध है। यह टिप्पणी उत्तराखंड हाई कोर्ट ने एक मामले की सुनवाई करते हुए की। इसी के साथ कोर्ट ने ट्रायल कोर्ट के उस आदेश को भी बरकरार रखा है जिसमें पिता को POCSO अधिनियम की धारा 11 और 12 के तहत आरोपों का सामना करने के लिए समन भेजा गया है। पिता ने ट्रायल कोर्ट के इस फैसले को हाई कोर्ट में चुनौती दी थी। हाई कोर्ट ने कहा, बच्चे को प्राइवेट पार्ट दिखाना, गंदी फिल्म दिखाना प्रथम दृष्टया POCSO अधिनियम की धारा 12 के साथ पढ़ी जाने वाली धारा 11 के तहत अपराध बनता है।

कोर्ट ने कहा, इस बारे में बच्चे से पूछताछ की गई। उसने बताया कि उसके पिता गंदी गंदी चीजें करते थे। गंदे वीडियो दिखाते थे। इससे पिता के इरादों का पता लगाया जा सकता है। ऐसे में कोर्ट ने फैमिली कोर्ट के उस आदेश को भी बरकारार रखा है जिसमें अपनी पत्नी को हर महीने 25 हजार रुपए और बेटे को 20 हजार रुपए का भुगतान करने के लिए कहा गया है। आरोपी पिता के खिलाफ मामला उसकी पत्नी ने दर्ज किया था। दोनों की शादी साल 2010 में हुई थी। पत्नी ने आरोप लगाया कि उसका पति उसकी इच्छा के खिलाफ बार-बार एनल सेक्स करता था, जिससे उसे गंभीर चोटें आईं और ब्लिडिंग भी हुई, जिसके लिए कई अस्पतालों में इलाज कराना पड़ा।

पत्नी ने बताया कि उसको चोट आने के बावजूद पति जबरदस्ती शारीरिक संबंध बनाता रहा। उसने आरोप लगाया कि एनल सेक्स के लिए मजबूर करने के लिए पति ने अपने 8 से 10 महीने के बच्चे का इस्तेमाल किया और उसे लैपटॉप पर गंदे वीडियो दिखाए। पत्नी ने यह भी आरोप लगाया गया कि वह चीजों को इधर-उधर फेंक देता था, कमरे में पेशाब करता था, बच्चे को अपने प्राइवेट पार्ट दिखाता था और बच्चे के सामने जबरन ओरल सेक्स करता था। आरोपी ने एफआईआर और ट्रायल कोर्ट के समन आदेश को हाई कोर्ट में चुनौती दी। उसके वकील ने दलील दी कि पिता का अपने बच्चे के साथ गंदी हरकत करने का कोई इरादा नहीं था।

कोर्ट ने कहा, बच्चे ने जांच के दौरान स्वीकार किया है कि उसके पिता गंदी गंदी चीजें करते थे और उसे गंदे वीडियो दिखाते थे। ऐसे में कोर्ट ने ट्रायल कोर्ट के समन आदेश में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया।

NEWS SOURCE Credit : livehindustan