देहरादून–(भूमिक मेहरा) पहले एक बड़े गैंगस्टर से दोस्ती फिर उसी को पकड़वाने से शुरू हुई रंजिश में रंजीत चौधरी ने पिता और भाई को खो दिया। पिता और भाई की हत्या का बदला लेने के लिए उसने अपराध की दुनिया में कदम रखा। पहले पिता-भाई की हत्या के आरोपियों की हत्या की, फिर अपराध की गलियों को ही अपना स्थायी ठिकाना बना लिया। समय बीता तो रंजीत सुपारी लेकर हत्या करने लगा और इसी ने उसे बिहार का एक कुख्यात अपराधी बना दिया। रंजीत को पकड़ने के लिए बिहार पुलिस ने जी जान लगा दी, लेकिन गिरफ्तार नहीं कर पाई। जब भी बिहार में गैंगवार की बात होती तो रंजीत चौधरी का नाम लिया जाने लगा। बताया जाता है कि बिहार के गैंगस्टर बूटन चौधरी को पकड़वाने के मामले में रंजीत का भूमिका सामने आई थी। इससे पहले कभी दोनों दोस्त बताए जाते थे। इसके बाद से ही रंजीत और बूटन में रंजिश शुरू हो गई। इसी दौरान रंजीत चौधरी के पिता और भाई की हत्या कर दी गई। इसका बदला लेने के लिए रंजीत ने आरोपियों की हत्या कर दी। यहीं से ही रंजीत ने अपराध की दुनिया में कदम रखा और धीरे-धीरे एक बड़ा अपराधी बन गया। रंजीत ने बिहार और झारखंड में लोगों की हत्याएं करना शुरू कर दिया। इसके अलावा रंजीत लोगों की सुपारी भी लेने लगा। यही नहीं रंजीत अपराध की दुनिया में इतना शामिल हो गया कि उसने थाने के बाहर ही गोली मारकर एक व्यक्ति की हत्या कर दी।
पुलिस को बनाना पड़ा विशेष कार्यबल दस्ता
रंजीत चौधरी के कुख्यात अपराधी बनने के बाद बिहार पुलिस ने उसे पकड़ने के लिए जी जान लगा दी। जब सफलता नहीं मिली तो बिहार पुलिस को राज्य स्तर पर विशेष कार्यबल दस्ता बनाना पड़ा। साथ ही पुलिस मुख्यालय को दो लाख का इनाम घोषित करना पड़ा।