देहरादून : राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) आने के बाद से साल 2020 के बाद से भारत में विद्यालयों में स्कूल प्रवेश के लिए आयु में आमूल-चूल परिवर्तन होने शुरू हुए। इससे पहले की प्रणाली के तहत कक्षा 1 में प्रवेश के लिए सीमा आयु 5 वर्ष थी। एनईपी में कहा गया कि प्रीस्कूल शिक्षा तब शुरू होनी चाहिए जब बच्चा तीन साल का हो, और कक्षा 1 में प्रवेश को छह साल की उम्र तक बढ़ा दिया गया। अब उत्तराखंड में शिक्षा नीति 2024 लागू होने से कक्षा 1 के हजारों बच्चों के लिए असमंजस की स्थिति हो गयी है। New education policy, thousands of children are not getting admission in class 1
1 अप्रैल, 2024 से, ग्रेड 1 (Class-1st) में प्रवेश के लिए न्यूनतम आयु 6 वर्ष होगी, जबकि ऊपरी आयु सीमा 8 वर्ष होगी। इसलिए, AY2024-25 में प्रवेश के लिए बच्चे की जन्मतिथि की सीमा 1 अप्रैल, 2016 से 1 अप्रैल, 2018 तक होगी। जो उम्मीदवार “दिव्यांग” के रूप में अहर्ता प्राप्त करते हैं, उन्हें आयु में 2 वर्ष की छूट मिलती है। यदि कोई बच्चा “दिव्यांग” श्रेणी में प्रवेश के लिए आवेदन कर रहा है, तो उसकी जन्मतिथि 1 अप्रैल, 2014 और 1 अप्रैल, 2018 के बीच हो सकती है।
नई शिक्षा नीति (एनईपी) में 3 से 18 साल की उम्र तक अनिवार्य स्कूली शिक्षा के भी आदेश हैं, इसीमें 3-6 साल की उम्र के बच्चों के लिए तीन साल से प्री-स्कूलिंग की शुरुआत की गई है। New education policy, thousands of children are not getting admission in class 1
नई शिक्षा नीति से इस साल हजारों बच्चे प्रभावित
उत्तराखंड के स्कूलों में भी राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 के प्रावधान लागू किये गए हैं। अकेले देहरादून में इस नई शिक्षा नीति से 8000 से अधिक और हल्द्वानी में इस नियम से 5000 से अधिक बच्चे प्रभावित हुए हैं (रिपोर्ट्स)।
प्री-प्रायमरी प्रायमरी कक्षाओं में एडमिशन के नियमों में बदलाव के बाद, UKG की कक्षाओं में पढ़ रहे हजारों बच्चों के कक्षा एक के प्रवेश पर संशय है। New education policy, thousands of children are not getting admission in class 1
उत्तराखंड शिक्षा विभाग द्वारा भी राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 में दिए गए नियमों को इस वर्ष से लागू कर दिया है। जिसके बाद प्री-नर्सरी, LKG और कक्षा एक में दाखिले की उम्र तय कर दी गई है। New education policy, thousands of children are not getting admission in class 1
एक दूसरी रिपोर्ट के मुताबिक, पूरे उत्तराखंड में 20,000 से अधिक बच्चों को इस नए नियम के कारण कक्षा एक में दाखिला नहीं मिल पा रहा है। छूट नहीं मिलने पर क्या बच्चों को यूकेजी की पढ़ाई दोबारा करनी होगी ? ये अनुत्तरित प्रश्न अभिभावकों के मन में है। New education policy, thousands of children are not getting admission in class 1
यदि किसी छात्र की दो या तीन अप्रैल 2024 को भी आयु छह वर्ष पूरी हो रही है, तब भी उसे कक्षा एक में दाखिला नहीं मिल पा रहा है। शिक्षक संगठन, निजी स्कूल संचालक और विशेष तौर पर अभिभावक उम्र सीमा में शिथिलता की मांग उठा रहे हैं। New education policy, thousands of children are not getting admission in class 1