कलियर : पिरान कलियर में तीन दिनों से चल रहा दुकानदारों का धरना प्रदर्शन ज्वाइंट मजिस्ट्रेट दिवेश शाशनी के दिये आश्वासन नियाज पकाइ का टेंडर निरस्त कर दिया व जिलाधिकारी के आदेश पर प्रबंधक की दस दिनों में जांच और तब तक प्रबंधक सहित उनके परिवार का कोई व्यक्ति दरगाह दफ्तर में नहीं आने पर धरना समाप्त हो गया है। वहीं विधायक फुरकान अहमद ने कहा कि दरगाह प्रबंधक दरगाह के पैसो की बंदरबाट कर रही है व उर्स में हुए कई ठेको की जाँच हो ओर पेसा रिलीज न किया जाए। The shopkeepers’ strike ended on the assurance of the Joint Magistrate

वहीं वक़्फ़ बोर्ड चेरमेन शादाब शम्स की कलियर में एंट्री होने के बाद लग रहा है कि दरगाह प्रबंधक की कुर्सी हिलना मुश्किल है। ओर शादाब शम्स का कहना है कि में इतना जरूर कहूंगा की हमने एक ईमानदार महिला को इस दरगाह का प्रबंधक बनाया है। ओर बहूत ईमानदारी के साथ रजिया मेडम ने अपनी परफॉर्मेस दिखाई है कि 17 करोड रुपये एक वर्ष की इनकम उन्होंने वक़्फ़ बोर्ड को जनरेट कर के दी है और वह तभी हो पाया जब भ्रष्टाचार पर लगाम लगी और जो लोग भ्रष्टाचारी थे उनके पेट में दर्द होना तो सोभाविक था और अब उन्हें परेशानी तो होगी। The shopkeepers’ strike ended on the assurance of the Joint Magistrate

अब जरा केलकुलेशन कीजिए अगर 17 करोड रुपए एक वर्ष में आ रहे हैं तो 5 वर्षों में कितने आने चाहिए 55 करोड़ और पिछले 20 सालों से वक्फ़ बोर्ड कांग्रेस के हाथ में था ओर फुरकान साहब के नेतृत्व में वक्फ बोर्ड चल रहा था। तो मुझे लगता है जो 20 साल की राशि बैठती हें 340 करोड रुपए तो कांग्रेस के नेताओं को बताना चाहिए की वो ऐसा कहां है। हम चैनल के माध्यम से डिमांड करते हैं रिटर्न में भी मांग करूंगा प्रशासन से जो 20 सालों का लेखा जोखा स्वयं पत्र के माध्यम से जनता के सामने आना चाहिए कि 20 सालों से लूट का साम्राज्य किस-किस नेता के संरक्षण में चल रहा है। The shopkeepers’ strike ended on the assurance of the Joint Magistrate
और जब लगा की छूट की दुकान बंद हो गई लगा कि भ्रष्टाचार नहीं करपा रहे तो लोग बाग फिर अलग-अलग तरह से सहारा लेते है। हम यह कह रहे हैं जो लोगों की जरूरत थी लोगों ने कहा यह नया टेंडर हो रहा हे हम खाना बनाने वाले गरीब लोग हैं वह हमारे लोग हैं उनके लिए हमने कह दिया था टेंडर नहीं होगा और ये पांच दिन पहले कह दिया था कि यह टेंडर निरस्त होना चाहिए तो फिर धरना किस बात का जब यह कह दिया गया था। पॉलिटिकल लाइन हे वैसे तो जनता के बीच में आना नहीं है क्योंकि चुनाव हे तो भोलीभाली जनता को मिसगाइड करके धरना प्रदर्शन कराया। The shopkeepers’ strike ended on the assurance of the Joint Magistrate

ओर धरना नहीं करेगा तो कैसे चलेगा जब इतना दर्द दरगाह का था तो जब मेला भूमि दरगाह की लूट रही थी तब धरना देते ना तब पता चलता कि माननीय विधायक जी को कितना दर्द दरगाह का है तब तो आप गायब थे तो जब दर्द नहीं दिख रहा था। मेला भूमि की सेटिंग गेटिंग करके केसे सज्जादी के नाम जमीन चली गई अब यह बताइए कि आपकी सेटिंग सेटिंग थी या आपकी मेला भूमि में परसेंटेज थी उनके साथ में तो बताइए तब आपने धरना क्यों नहीं दिया उनके खिलाफ मोन क्यू थे। में यह कहता हूं बताना पड़ेगा विधायक को जब आज भी जायरीन कलियर आते हैं रुड़की से लेकर कलियर तक लाइट की कोई व्यवस्था नहीं है जब धरने पर बैठते कि मेरे पास विधायक निधि है मुझे कोई लाइट नहीं लगाने दे रहा लेकिन जनता से सरोकार नहीं है। मुझे लगा कि आपकी इनकम पर चोट लगी हे फाइनेंस पर चोट पड़ी है इसलिए दर्द हुआ है। The shopkeepers’ strike ended on the assurance of the Joint Magistrate

