लखनऊ: केंद्रीय राज्यमंत्री कौशल किशोर के दुबग्गा स्थित आवास पर गुरुवार रात उनके करीबी विनय श्रीवास्तव की पार्टी के दौरान गोली मारकर हत्या कर दी गई। विनय की घड़ी छत पर और शव कमरे के बाहर जीने के पास मिला। कपड़े फटे थे और गले में खरोच के निशान थे। पुलिस का कहना है कि शराब के नशे में जुआं खेलने के दौरान हुए विवाद में विनय को गोली मार दी गई। हत्या में इस्तेमाल की गई लाइसेंसी पिस्टल कौशल किशोर के बेटे विकास किशोर की थी जो वहीं बेड पर तकिया के नीचे रखी थी।
हत्या के समय केंद्रीय राज्य मंत्री थोड़ी ही दूर स्थित अपने दूसरे आवास पर थे, जबकि उनका बेटा विकास किशोर गुरुवार शाम दिल्ली चला गया था। सवाल यह है कि जब विकास किशोर दिल्ली गया तो उसने अपनी पिस्टल घर पर खुली क्यों छोड़ी जिससे हत्या की गई? क्या किसी साजिश के तहत दिल्ली जाने के बाद पिस्टल तकिया के नीचे रखी गई? क्या हत्याकांड की यही वजह है जो पुलिस ने बताई है या फिर इसके पीछे कोई और कहानी है? यह सवाल इसलिए भी उठ रहे हैं क्योंकि मृतक विनय कम समय में ही कौशल किशोर के करीब पहुंच गया था जिससे कई लोगों को खटक रहा था।
हत्याकांड के समय मृतक विनय के अलावा तीन लोग थे। पुलिस ने विनय के भाई विकास श्रीवास्तव की तहरीर पर अंकित वर्मा, अजय रावत, शमीम बाबा के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कर गिरफ्तार कर लिया है। इसके अलावा विकास किशोर का शस्त्र लाइसेंस भी निरस्त किया जाएगा। पुलिस भले ही जुएं में विवाद को हत्या की वजह मान रही है लेकिन विनय के भाई विकास श्रीवास्तव ने विकास किशोर पर हत्या की साजिश का आरोप लगाया है। विकास श्रीवास्तव का कहना है कि अगर विकास किशोर दिल्ली में है तो उनकी पिस्टल वहां कैसे थी?
संयुक्त पुलिस आयुक्त अपराध आकाश कुलहरि ने बताया कि गुरुवार देर रात घर में विनय के अलावा बेगरिया बालाजी मंदिर के पास रहने वाला अजय रावत, बालागंज तोपखाना का अंकित वर्मा, सीते विहार कालोनी का शमीम उर्फ बाबा, अरुण प्रताप सिमह उर्फ बंटी और सौरभ रावत थे। अजय रावत खाना लाया था। सबने खाना खाया। सभी नशे में थे और जुआ खेल रहे थे। जुए में अरुण प्रताप सिंह और सौरभ रावत 12 हजार रुपये जीत गए। दोनों जीत के रुपये लेकर चले गए थे। इस बात पर विनय, अंकित, राजेश और शमीम ने नाराज हो गया कि तुम लोगों के कारण मेरी जुए में हार हुई है।
तुम लोगों ने प्लानिंग के तहत अरुण प्रताप और सौरभ को जीतने और उसके बाद रुपये लेकर जाने दिया। तीनों को रोका क्यों नहीं? अगर तीनों थोड़ी देर रुककर और खेलते तो सारे रुपये जीत लेता। इसके बाद चारों में विवाद और हाथापाई शुरू हो गई। मारपीट के दौरान विनय की शर्ट फट गई। अंकित ने तकिये के नीचे रखी विकास किशोर की पिस्टल निकाल ली। अजय रावत और शमीम ने विनय को पकड़ लिया। उसके बाद उसके माथे पर गोली मार दी थी।
वहीं चर्चा यह भी है कि घटनास्थल पर मौजूद अरुण प्रताप उर्फ बंटी के साथ विनय का साझे में एक कीमती प्लाट है, आशंका है कि पैसों के लेनदेन को लेकर रात में दोनों में विवाद हुआ। विनय की मां ने आरोप लगाया कि सौरभ रावत ने छोटे बेटे विभू की सरकारी नौकरी लगवाने के नाम पर पैसे लिए थे। पुलिस इनके साथ ही अन्य बिंदुओं पर पड़ताल कर रही है। कौशल किशोर का कहना है कि मेरी संवेदनाएं विनय के घरवालों के साथ हैं। मेरा बेटा विकास किशोर घटना के समय दिल्ली में था। उसकी पिस्टल कैसे पहुंची, यह जांच का विषय है, जो भी दोषी होगा उसको सजा मिलेगी।
केंद्रीय राज्यमंत्री कौशल किशोर का दुबग्गा के बगरिया फरीदीपुर में भी पुश्तैनी जमीन पर दूसरा आवास है। यहां अक्सर उनका बेटा विकास किशोर और पार्टी के कार्यकर्ता रुकते थे। विनय के भाई विकास श्रीवास्तव का कहना है कि वह विकास किशोर के मकान से पांच सौ मीटर की दूरी पर रहता है। सुबह चार बजे अंकित वर्मा ने फोन कर बताया कि विनय को गोली लग गई है। मैं मौके पर पहुंचा तो कमरे में विनय का खून से लथपथ शव पड़ा था। शरीर पर केवल बनियान थी और गोली भाई के माथे पर लगी थी। इस बीच पुलिस भी पहुंच गई। मौके पर केवल अजय रावत, अंकित वर्मा और शमीम ही मिले। अरुण प्रताप सौरभ और तीसरा साथी भाग गए थे। कौशल किशोर ने बताया कि अंकित वर्मा ने रात 2:50 बजे फोन कर बताया कि विनय की गोली लगने से मौत हो गई है। इसके बाद मैंने पुलिस कमिश्नर एसबी शिरडकर को फोन कर सूचना दी।
पुलिस ने मौके से ये किया बरामद
पुलिस ने मौके से एक पिस्टल .32 बोर, सीसी फुटेज का डीबीआर, एक खोखा कारतूस, ताश के 52 पत्ते और दो हजार रुपये बरामद किए हैं।
अंकित को पता था, कहां रखी है विकास की पिस्टल
अंकित को यह पता था कि विकास किशोर पिस्टल तकिया के नीचे छुपाकर गए हैं। क्योंकि जब विनय से झगड़ा हुआ तो अंकित ने भागकर बेड के नीचे से सबसे पहले पिस्टल निकाल ली। इसका मतलब जब विकास किशोर बाहर जाता था तो अंकित को पता रहता था कि उसकी पिस्टल कहां रखी है? अगर विकास ने यह लापरवाही न बरती होती तो हत्या न होती।
केंद्रीय मंत्री चला रहें नशा मुक्ति अभियान, बेटे को दोस्त घर पर पी रहे शराब
केंद्रीय मंत्री कौशल किशोर बेटे की शराब से मौत के बात नशा मुक्ति का अभियान चला रहे हैं। यह अभियान वह लखनऊ से लेकर बाहरी जनपदों में पूरी तन्मयता से चला रहे हैं। लोगों को नशा न करने की सलाह देते हैं। वहीं उनके जिस घर में विनय की हत्या हुई। उसमें विकास किशोर के दोस्त अजय रावत, अरुण प्रताप सिंह, शमीम और उसके साथी बैठकर शराब पी रहे थे।
रात एक बजे चारबाग से मंगवाया गया चिकन और शराब
पुलिस की तफ्तीश में पता चला है कि रात घटना के पहले अरुण प्रताप, शमीम, सौरभ रावत, अजय रावत और अंकित वर्मा पहले बाहर से शराब पीकर केंद्रीय राज्यमंत्री के घर पहुंचे थे। इसके बाद सौरभ रावत और अजय रावत चारबाग गए थे। चारबाग में चिकन और फिर शराब खरीदी गई थी। दोनों लेकर पहुंचे। सबने चिकन खाया, शराब पी। इसके बाद जुआ खेलने लगे थे।
केंद्रीय मंत्री के घर पर हत्या टाइम लाइन
4:50 बजे : गुरुवार शाम को केंद्रीय मंत्री के बेटे विकास किशोर दिल्ली के लिए जहाज से रवाना हुए।
1:00 बजे : देर रात सौरभ रावत और अजय खाना, शराब लेकर केंद्रीय मंत्री के बेगरिया स्थित घर पहुंचे जहां घटना हुई।
2:50 बजे : हत्या के बाद देर रात केंद्रीय मंत्री को अंकित ने फोन कर घटना की जानकारी दी।
2:52 बजे : देर रात केंद्रीय मंत्री ने पुलिस कमिश्नर को फोन कर सूचना दी।
4:00 बजे : शुक्रवार तड़के घटना की जानकारी अंकित ने विनय के भाई विकास श्रीवास्तव को दी।
6:00 बजे : सुबह फोरेंसिक टीम मौके पर पहुंचे।
3:30 बजे : दोपहर पोस्टमार्टम के बाद घरवाले शव लेकर रिंग रोड पहुंचे। हंगामा प्रदर्शन।
7:00 बजे : पुलिस ने घटना का राजफाश कर तीन हत्यारोपितों को गिरफ्तार कर लिया।
अंकित और अजय गए थे विकास किशोर को एयरपोर्ट पर छोड़ने
अंकित वर्मा और अजय रावत, केंद्रीय मंत्री के बेटे विकास किशोर को गुरुवार शाम चौधरी चरण सिंह अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर छोड़ने गए थे। इसके बाद दोनों बेगरिया स्थित घर में लौट आए थे। फिर वहां विनय श्रीवास्तव, अरुण प्रताप सिंह, सौरभ रावत व अन्य पहुंचे थे।ही थी।
NEWS SOURCE : jagran