केले के नाम पर जहर तो नहीं खा रहे आप? 5 ट्रिक्स से करें पहचान..

कार्बाइड का इस्तेमाल केले को आर्टिफिशियल रूप से पकाने के लिए किया जाता है जो आपकी सेहत के लिए किसी जहर की तरह होता है।

मार्केट में इन दिनों तीज-त्योहार के मौके पर यह मिलावटी केले (Carbide Banana) धड़ल्ले से बिक रहे हैं ऐसे में आइए जानें ऐसी 5 ट्रिक्स (How To Identify Carbide Banana) बताते हैं जिनकी जरिए कार्बाइड से पके केले की पहचान की जा सकती है।

  • कुछ आसान तरीकों से आप केमिकल से पके केले का पता लगा सकते हैं।
  • मार्केट में इन दिनों आर्टिफिशियल रूप से केले खूब बिक रहे हैं।
  • कार्बाइड से पका हुआ केला सेहत के लिए बेहद हानिकारक होता है।

कार्बाइड (Carbide) एक जहरीला केमिकल है जिसके संपर्क में आने से सेहत से जुड़ी कई समस्याएं जैसे कि सिरदर्द, चक्कर आना, मतली, और यहां तक कि कैंसर भी हो सकता है।

केला एक स्वादिष्ट और पौष्टिक फल है, जो हर मौसम में लोकल मार्केट में आसानी से मिल जाता है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि इन दिनों आप जो केला खरीद रहे हैं वह नेचुरल तरीके से पकाया गया है या फिर उसे पकाने के लिए जहरीले कार्बाइड का इस्तेमाल किया गया है?

जी हां, बाजार में कार्बाइड नामक केमिकल से पके केले (Carbide Banana) खूब बिक रहे हैं जिन्हें खाना आपके लिए बेहद नुकसानदायक हो सकता है। ऐसे में, आइए इसकी पहचान की 5 ट्रिक्स (How To Identify Carbide Banana) जानते हैं।

असली केला पहचानें

क्या आप जानते हैं कि आप जो केला खा रहे हैं, वो नेचुकल तरीके से पका हुआ है या फिर कार्बाइड जैसे खतरनाक केमिकल से? दरअसल, नेचुरल तरीके से पका हुआ केला स्वादिष्ट होने के साथ-साथ सेहत के लिए भी फायदेमंद होता है।

ऐसे केले पर काले धब्बे होते हैं और ये हल्के भूरे रंग के होते हैं। इसका छिलका दागदार होता है और गहरा पीला रंग लिए होता है।

रंग पर ध्यान दें..

कार्बाइड से पका हुआ केला आपकी सेहत के लिए काफी नुकसानदायक हो सकता है। ऐसे केले का छिलका एकदम चिकना और हल्के पीले रंग का होता है। इसके अंदर का हिस्सा हल्का हरा होता है, जबकि नेचुकल केले में ये हिस्सा काला होता है। कार्बाइड से पके केले की शेल्फ लाइफ भी बहुत कम होती है और ये जल्दी खराब हो जाते हैं।

करें टेस्ट पानी से

कार्बाइड से पके केले हर तरफ से एक जैसे नहीं पके होते हैं। ऐसे में, आप देखेंगे कि केले के कुछ हिस्से ज्यादा पके हुए लगते हैं, जबकि कुछ हिस्से अभी भी कच्चे या कम पके हुए होते हैं। इसलिए यह भी इस बात का साफ संकेत है कि आपके घर मौजूद केला नेचुरल तरीके से पकाया नहीं गया है

छूकर पता लगाएं.

जब हम नेचुरल तरीके से पका हुआ केला छूते हैं, तो हमें एक मुलायमपन महसूस होता है। यह मुलायमपन केले के अंदर से आता है, जबकि केले का बाहरी हिस्सा थोड़ा मजबूत रहता है।

यानी केला मुलायम होने के बावजूद अपना आकार बनाए रखता है। दूसरी ओर, अगर आपने कभी ऐसा केला देखा हो जो पूरी तरह से पीला हो गया हो लेकिन छूने पर बहुत सख्त हो, तो यह संभव है कि उसे कार्बाइड जैसे किसी हानिकारक रसायन से पकाया गया हो। इस तरह के केले का बाहरी हिस्सा अंदर की तुलना में ज्यादा सख्त होता है।