पूरब का ऑक्सफोर्ड’ कहा जाने वाला इलाहाबाद विश्वविद्यालय कभी आईएएस की फैक्ट्री था, तो इससे संबद्ध अमरनाथ झा (एएन झा) छात्रावास इसका इंजन रहा। अब तक एएन झा हॉस्टल के 730 से ज्यादा अंतःवासी देश के प्रशासनिक तंत्र का हिस्सा बने। यहां के अंतःवासियों का भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) में बड़ा दखल रहा है। केंद्र और राज्य सरकार के अहम पदों की जिम्मेदारी संभाली। पांच दशक पहले तक जब भारतीय प्रशासनिक सेवा (यूपीएससी) के परिणाम आते थे तो उसमें एएन झा छात्रावास के अंतवासियों की संख्या सर्वाधिक होती थी।
हॉस्टल से जुड़े लोगों का कहना है कि 80 के दशक तक यहां के अंतःवासी बड़ी संख्या में यूपीएससी परीक्षा पास कर भारतीय नौकरशाही का हिस्सा बनते रहे। वर्ष 2008 में यहां से जुड़े 26 छात्रों का चयन यूपीएससी में हुआ था। वर्ष 2009 में 25, 2010 में 21, 2011 में 7, और 2012 में 6 छात्रों का चयन हुआ।
1981 बैच में हासिल हुई प्रथम और द्वितीय रैंक
हॉस्टल के पुरा छात्र, अधीक्षक और वार्डेन रहे अंग्रेजी विभाग के प्रो. एलआर शर्मा ने बताया कि उनका 1981 बैच में आईएएस में सलेक्शन हुआ था। लेकिन उन्होंने ज्वाइन नहीं किया। इस बैच में हॉस्टल के 40 अंत:वासियों का एक साथ चयन भारतीय प्रशासनिक सेवा में हुआ था। इस बैच के टॉपर प्रदीप शुक्ल और द्वितीय स्थान पर रहे अनुज कुमार विश्नोई एएन झा हॉस्टल के ही छात्र रहे। प्रो. शर्मा ने बताया कि 2015 में हॉस्टल आवंटन की प्रक्रिया में बदलाव कर दिया गया। इससे हॉस्टल का कल्चर प्रभावित हो गया। यह हॉस्टल रिसर्च छात्रों को ही आवंटित किया जाने लगा। जूनियर छात्रों को तैयारी का मौका कम मिलने लगा।
सांस्कृतिक गतिविधियों का केंद्र रहा ‘उदीसा’
अंतर विश्वविद्यालय त्वरक केंद्र के निदेशक एवं एएन झा हॉस्टल के पूर्व अधीक्षक प्रो. अविनाश चंद्र पांडेय ने बताया कि ‘उदीसा’ हॉस्टल में सांस्कृतिक गतिविधियों का केंद्र हुआ करता था। उदीसा वर्ष 2015 से बंद कर दिया गया है। सांस्कृतिक कार्यक्रम में इलाहाबाद विश्वविद्यालय के सभी छात्रावासों के छात्र-छात्राएं प्रतिभाग करते थे। पुराछात्र वर्तमान छात्रों को भारतीय प्रशासनिक सेवा में सफलता के टिप्स देते थे।
166 छात्रों की क्षमता वाला हॉस्टल
एएन झा हॉस्टल में 166 छात्रों के रहने की क्षमता है। इसमें छह ट्रिपल, 18 डबल और 112 सिंगल सीटेड कमरे हैं।
केन्द्र सरकार के अहम पदों पर निभा चुके हैं जिम्मेदारी
आईएएस में चयन के बाद योगेंद्र नारायण लोकसभा के सचिव रहे। नरेश चंद्रा अमेरिका में भारतीय राजदूत रह चुके हैं। सुरेंद्र सिंह भारत सरकार के कैबिनेट सचिव रहे। यहां के अंतःवासी रहे विवेक सहाय रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष और दीपक गुप्ता संघ लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष रह चुके हैं।
NEWS SOURCE :livehindustan