जनरल नरवणे ने कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष विराम समझौते के बाद, यह देखना बाकी है कि आगे चीजें कैसे सामने आती हैं।

पूर्व थल सेनाध्यक्ष जनरल मनोज मुकुंद नरवणे ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर ने पाकिस्तान को नियंत्रण रेखा के पार दुस्साहस बंद करने का कड़ा संदेश दिया और दिखाया कि आक्रामकता के रास्ते पर चलते रहने की कितनी बड़ी कीमत चुकानी पड़ती है। जनरल नरवणे ने पुणे में इंस्टीट्यूट ऑफ कॉस्ट अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया के हीरक जयंती समारोह के दौरान यह टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष विराम समझौते के बाद, यह देखना बाकी है कि आगे क्या होगा।
एएनआई ने उनके हवाले से कहा, "पिछला सप्ताह काफी उथल-पुथल भरा रहा, जिसकी शुरुआत ऑपरेशन सिंदूर से हुई, जिसमें भारतीय सशस्त्र बलों ने पाकिस्तान और पीओके में आतंकवादी शिविरों और बुनियादी ढांचे पर हमला किया, जिसके बाद चार दिनों तक हवाई और जमीनी लड़ाई चली...आखिरकार सैन्य अभियानों की समाप्ति की घोषणा के साथ इसका समापन हुआ...यह सैन्य अभियानों की समाप्ति है, संघर्ष विराम नहीं। हमें इंतजार करना होगा और देखना होगा कि आने वाले दिनों और हफ्तों में चीजें कैसे सामने आती हैं।"