Roorkee : पथराव हुआ, हवाई फायर किए पर न हम रुके न झुके…

Roorkee : पथराव हुआ, हवाई फायर किए पर न हम रुके न झुके…

रुड़की : दो नवंबर 1990 को उत्तर प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री ने कारसेवकों पर गोली चलाने का आदेश दिया। इसमें कोलकाता के कोठरी भाइयों सहित अनेक रामभक्तों ने अपने जीवन की आहुति दी। इसके विरोध में रुड़की में भी आंदोलन हुआ। Stones were pelted, air fired but we neither stopped nor bowed down

सोमप्रकाश गुप्ता, मेरे पिता मालीराम साहनी, लाला अमरनाथ, अशोक गुप्ता और अनिल गोयल के नेतृत्व में बाजार बंद करवाए गए। चंद्रशेखर चौक पर धरना प्रदर्शन हुआ। हम युवाओं का नेतृत्व कर रहे थे। कोतवाली के सामने लाठीचार्ज हुआ, फिर भी कोई डिगा नहीं। पुलिस रोकती रही, लेकिन सभी नारेबाजी करते हुए आगे बढ़ते रहे। Stones were pelted, air fired but we neither stopped nor bowed down

गिरफ्तारियां शुरू हो चुकी थी । मेरे पिता को रात में घर से उठा लिया गया। सुबह तक रुड़की से सोमप्रकाश, हरिमोहन गुप्ता, विनीत चंद्रा, अशोक गुप्ता समेत सैकड़ों की संख्या में लोगों को मेरठ के बच्चा जेल में भेज दिया गया। हम जो लोग रह गए थे, उन्होंने मिलकर बाजार बंद करवाए। उस वर्ष रुड़की में किसी ने दिवाली नहीं मनाई थी। Stones were pelted, air fired but we neither stopped nor bowed down

क्योंकि एक तरफ कारसेवकों की आहुति एवं शहर के लोग जेलों में थे, वहीं विहिप अध्यक्ष अशोक सिंघल के आह्वान पर दिल्ली में अक्टूबर 1992 में धर्म संसद हुई थी। इसमें शामिल होने के लिए डा. राकेश त्यागी, सुरेश चंद जैन एवं मैं कार से निकल पड़े। पुरकाजी के पास हमें रोक गया हम तीनों वहाँ से अलग-अलग हो गए। Stones were pelted, air fired but we neither stopped nor bowed down

मैं दिल्ली धर्म संसद में जाने में सफल रहा। जहां पर धर्म संसद में यह फैसला किया गया कि कार सेवा को पुनः शुरू किया जाएगा। सभी कार सेवकों को अयोध्या बुलाने का निमंत्रण दिया गया। मेरा विवाह 19 नवंबर 1992 को हुआ था। उस समय राम मंदिर आंदोलन चरम पर था। एक तरफ शहर की किलेबंदी की गई थी। Stones were pelted, air fired but we neither stopped nor bowed down

ताकि कोई अयोध्या न जा पाए। उधर, हम घर के बाहर रणनीति बनाने में लगे रहते। 23 नवंबर 1992 को हम सभी सड़कों पर निकले हुए थे। बच्चा-बच्चा श्रीराम के नारे लगाकर बाजार से आगे बढ़ते हुए जब सत्ती मोहल्ला स्थित बादशाह होटल पर पहुंचे तो वहां हम पर पथराव किया गया एवं हवाई फायर किए गए, लेकिन हम सब न ही रुके और ना ही झुके। Stones were pelted, air fired but we neither stopped nor bowed down

राम मंदिर आंदोलन के लिए संघर्ष करने वाले सोमप्रकाश गुप्ता, श्याम बिहारी मिश्रा, लाला अमरनाथ, हरिमोहन गुप्ता, मयंक गुप्ता, सुभाष बजरंगी, अशोक शर्मा, राहुल शर्मा, राजकुमार शर्मा, रामनारायण भटेजा, चेलाराम, अनिल गोयल, विनीत चंद्र और राकेश त्यागी को रुड़की शहर हमेशा याद रखेगा। मैं भी इन सभी को प्रणाम करता हूं Stones were pelted, air fired but we neither stopped nor bowed down