देहरादून : उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता को लेकर बड़ा अपडेट है। संवैधानिक व्यवस्था के तहत कुछ ही दिनों में राज्य में समान नागरिक संहिता कानून लागू हो सकता है। इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार जस्टिस रंजना देसाई के नेतृत्व वाली कमेटी कुछ ही दिनों में राज्य सरकार को ये ड्राफ्ट सौंपने जा रही है।
इसके साथ ही समान नागरिक संहिता लागू करने वाला उत्तराखंड देश का पहला राज्य बन जाएगी। सीएम धामी ने कुछ वक्त पहले कहा भी था कि इसकी शुरुआत उत्तराखंड से होगी। उत्तराखंड में सभी लोग आपसी सौहार्द के साथ रहते हैं। लेकिन लोगों को धोखा देकर, लालच देकर और गुमराह करके धर्म परिवर्तन कराया जा रहा। देवभूमि के मूल स्वरूप को बनाये रखने के लिए इसे रोकना जरूरी है। उत्तराखंड एक शांतिपूर्ण राज्य है, जहां बेहतरीन कानून व्यवस्था है।
पिछले कुछ समय से लोग यहां अवैध रूप से बस रहे है, जिससे जनसांख्यिकीय बदलाव भी देखने को मिला है। उत्तराखंड में किसी को भी कानून-व्यवस्था अपने हाथ में लेने की इजाजत नहीं दी जाएगी।
बता दें कि बीते साल चुनाव के दौरान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने समान नागरिक संहिता लागू करने की बात कही थी। समान नागरिक संहिता के कार्यान्वयन के लिए एक मसौदा तैयार करने के लिए न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) रंजना प्रकाश देसाई की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय मसौदा समिति का गठन किया था।
मसौदे में बहुविवाह/बहुपति प्रथा पर प्रतिबंध, महिलाओं के लिए विवाह की न्यूनतम आयु 18 से बढ़ाकर 21 साल करने, बच्चा गोद लेने का समान कानून और मुस्लिम महिलाओं के लिए माता-पिता की संपत्ति में समान हिस्सेदारी की सिफारिशें की गई हैं। आगामी लोकसभा और राज्य में इसी वर्ष प्रस्तावित नगर निकाय चुनावों के दृष्टिकोण से समान नागरिक संहिता uttarakhand uniform civil code की राज्य की पहल काफी महत्वपूर्ण हो सकती है।