देहरादून : उत्तराखंड के अलग-अलग हिस्सों में मौजूद 30 मदरसों में गैर-मुस्लिम बच्चों के इस्लामी शिक्षा लेने के मामले सामने आए हैं। अब तक 749 गैर-मुस्लिम छात्र चिन्हित किए गए हैं, जिनमें हिन्दुओं की संख्या सबसे अधिक है। ये मदरसे उधमसिंह नगर, नैनीताल और हरिद्वार जनपदों में हैं। राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग (NCPCR) ने इस संबंध में उत्तराखंड मदरसा शिक्षा परिषद से जवाब माँगा है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, NCPCR ने 2 नवम्बर 2023 को उत्तराखंड मदरसा शिक्षा परिषद को एक पत्र जारी किया था। इस पत्र में राज्य भर के मदरसों में पढ़ने वाले छात्रों की कुल संख्या की जानकारी माँगी गई थी। जवाब देने के लिए आयोग ने 1 सप्ताह यानी 9 नवम्बर तक का समय दिया NCPCR की नोटिस पर उत्तराखंड मदरसा शिक्षा परिषद ने रिपोर्ट तैयार की है।
इस रिपोर्ट में बताया गया है कि उत्तराखंड के मदरसों में कुल 7399 छात्र पढ़ते हैं। इनमें से 749 छात्र गैर-मुस्लिम हैं। ये सभी गैर-मुस्लिम छात्र 30 अलग-अलग मदरसों में पढ़ते हैं। सबसे अधिक गैर-मुस्लिम छात्र की संख्या हरिद्वार के मदरसों में हैं। हरिद्वार के शिकोहपुर में मदरसा राव असगर अली मेमोरियल पब्लिक स्कूल में 131, तिलकपुर में मदरसा बहार ए चमन में 112 और रुड़की के मदरसा तुल आलिम में 79 गैर-मुस्लिम छात्र पढ़ाई करते हैं।
हरिद्वार के ही मदरसा राष्ट्रीय एकता में 85 और मदरसा जामिया इस्लामिया में 50 गैर-मुस्लिम छात्र पढ़ रहे हैं। इसके अलावा उधमसिंह नगर के मदरसा साबिर इस्लामिया में 68 और मदरसा साबिर बाबा साहब में 21 गैर-मुस्लिम छात्र पढ़ाई कर रहे हैं। नैनीताल के मदरसा सिराजुल उलूम नूरिया में 4 गैर-मुस्लिम बच्चे पढ़ाई कर रहे है। मुस्लिम छात्रों की तादाद के मामले में भी हरिद्वार पहले नंबर पर है।
सिर्फ हरिद्वार में 21 मदरसे हैं। वहीं, उधमसिंह नगर में 9 और नैनीताल के गुलरघाटी रामनगर में 1 मदरसा बताया गया है। यह रिपोर्ट उत्तराखंड मदरसा शिक्षा परिषद के डायरेक्टर राजेंद्र सिंह ने प्रेषित की है। इस रिपोर्ट में राज्य मदरसा शिक्षा परिषद का कहना है कि सभी बच्चों को NCERT के पैटर्न पर पढ़ाया जा रहा है। साथ ही यह पढ़ाई बच्चों के अभिभावकों की सहमति से हो रही है।
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस मामले में पाञ्चजन्य से बात करते हुए कहा कि उन्होंने पहले ही मदरसों की जाँच के आदेश दे दिए थे। जाँच के बाद 5 मदरसों को बंद करा दिए गए। उन्होंने बताया कि मदरसों में पढ़ रहे गैर-मुस्लिम छात्रों को दूसरे स्कूलों में भेजा जाएगा। इस बात की भी जाँच करवाने का आश्वासन भी दिया है कि किन हालातों में गैर-मुस्लिम छात्रों को मदरसों में एडमिशन लेना पड़ा।