अब नेपाल से उत्‍तराखंड आएगी पशुपतिनाथ की बारात, दोनों देशों के रोटी-बेटी के संबंध होंगे मजबूत

अब नेपाल से उत्‍तराखंड आएगी पशुपतिनाथ की बारात, दोनों देशों के रोटी-बेटी के संबंध होंगे मजबूत

देहरादून : भारत और नेपाल के बीच रोटी-बेटी के संबंधों को मजबूत करने के लिए उत्तराखंड का संस्कृति एवं पर्यटन विभाग एक नई पहल करने जा रहा है। उत्तराखंड में चारधाम यात्रा, नंदा राजजात यात्रा विश्व प्रसिद्ध हैं और अब इसी श्रृंखला में एक और नई, भव्य, धार्मिक यात्रा जुड़ने जा रही है। नेपाल के काठमांडू स्थित पशुपतिनाथ मंदिर से भगवान भोलेनाथ की बारात देवभूमि के त्रियुगीनारायण मंदिर में आएगी और बड़े ही धूमधाम से शिव पार्वती का विवाह होगा।

इस शिव बारात और विवाह कार्यक्रम से जहां दोनों देशों की संस्कृति का आदान-प्रदान होगा वहीं दोनो देशों में पहले से चले आ रहे धार्मिक, सांस्कृतिक रिश्ते को भी मजबूती मिलेगी। इसके साथ ही व्यवसायिक रिश्ते भी प्रगाढ़ होंगे। उत्तराखंड सरकार के धर्मस्व एवं पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज के अनुसार शिव बारात यात्रा धार्मिक लिहाज से बेहद महत्वपूर्ण आयोजन होगा।

शीतकालीन पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा

काठमांडू से रुद्रप्रयाग तक प्रस्तावित इस अद्भुत यात्रा में देश-विदेश के श्रद्धालुओं को शामिल होने का मौका मिलेगा। इसके साथ ही राज्य में शीतकालीन पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा। उत्तराखंड सरकार जल्द ही इसके स्वरूप को तय करेगी और इस बारे में नेपाल सरकार से इस संबंध में अच्छा फीडबैक मिल रहा है। यात्रा के समय और अवधि को लेकर भी विद्वानों से बातचीत की जा रही है।

रुद्रप्रयाग जिले में आएगी बारात

नेपाल का काठमांडू स्थित पशुपतिनाथ मंदिर देश-विदेश के श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र है। भगवान भोलेनाथ के मंदिर से उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले स्थित त्रियुगीनारायण मंदिर में भगवान भोलेनाथ की भव्य बारात आएगी। नेपालवासी जहां इस बारात में बाराती बनेंगे वहीं देवभूमि उत्तराखंड के लोग घराती बनकर अपने आराध्य भगवान शिव का एक दामाद के रूप में स्वागत करेंगे।

शिव बारात को लेकर हर कोई उत्‍साहित

यूं तो देवभूमि के कण-कण में भोलेनाथ का वास है लेकिन नेपाल से आने वाली शिव बारात के लिए हर कोई बेहद उत्साहित है। सभी को इंतजार है कि कब यह दिव्य दृश्य देखने को मिलेगा। इस बारात का स्वरूप क्या होगा और यात्रा कितने दिनों की होगी इसको लेकर भी लोगों में काफी जिज्ञासा है।