बिजनौर–(भूमिक मेहरा) बिजनौर जनपद में बैंक ऑफ बड़ौदा की शाखा प्रबंधक को फोन पर एफडीआर बनवाने का झांसा दिया। फिर 10 लाख रुपये ट्रांसफर करा लिए। साइबर क्राइम पुलिस और स्वाट टीम ने दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया, इनका एक साथी अभी फरार है। आरोपियों से एक लाख 64 हजार रुपये, 48 मोबाइल फोन, आधार कार्ड, पैन कार्ड आदि बरामद किए गए है। एएसपी सिटी संजीव वाजपेयी ने बताया कि 21 अगस्त को राजेश कुमार खरे क्षेत्रीय प्रबंधक बैंक ऑफ बड़ोदा मेरठ ने थाना साइबर क्राइम पर तहरीर दी। बताया कि बैंक की शाखा शेरोवाली कोठी शाखा प्रबंधक शैलजा सिंघल को फोन पर एक आरोपी ने बैंक शाखा में तीन करोड़ का सावधि जमा खाता खोलने की बात कहते हुए झांसे में ले लिया। 12 अगस्त को बैंक की ईमेल आईडी पर साइबर ठग ने चेक बुक खत्म होने की एक मेल भेजी। कहा कि उसे पैसों की जरूरत है। इसके बाद बैंक मैनेजर ने आरटीजीएस ट्रांजेक्शन से नौ लाख 88 हजार 500 रुपये दो खातों में ट्रांसफर कर दिए थे।
इस मामले में कार्रवाई करते हुए पुलिस ने धर्मवीर पुत्र देवी दिन निवासी गांव बम्हौरी बेलदारान थाना चकखारी जनपद महोबा हाल निवासी गोकुल नगर उत्तर पूर्वी दिल्ली और बंटी पुत्र राजकुमार निवासी सुभापुर गुजरा, करावल नगर उत्तर पूर्वी दिल्ली को गिरफ्तार कर लिया।
इनका एक साथी आकाश निवासी दिल्ली अभी फरार है। पकड़े गए आरोपियों के पास से एक लाख 64 हजार रुपये, 48 मोबाइल फोन, आधार कार्ड, पैन कार्ड आदि सामान बरामद किया। तीन लाख 90 हजार रुपये खाता फ्रीज करवाया गया है।
गाजियाबाद के खाते में कराए थे रुपये ट्रांसफर, खरीद था सोना
तीनों आरोपियों ने बैंक प्रबंधक से ठगे पैसों को मधु पत्नी सुभाष निवासी राजीव कॉलोनी, मोहन नगर गाजियाबाद व अन्य व्यक्ति के आईडीएफसी फर्स्ट बैंक में खाता खुलवाकर ट्रांसफर कराया था। इन खातों का डेबिट कार्ड और पासबुक ठगों के पास थे। वहीं तीन लाख का सोना गंगा ज्वेलर्स शहादरा दिल्ली से खरीद लिया था। सोने को रखकर मथूट फाइनेंस करावल नगर से लोन करा लिया। इसमें पुलिस ने मुथूट फाइनेंस का खाता फ्रीज करा दिया।