UN: फ्रांस के राष्ट्रपति ने भारत का यूएन मै खुलकर किया समर्थन..

फ़्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने भारत को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का स्थायी सदस्य बनाने की मांग की है.

दरअसल मैक्रों गुरुवार को न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र की आम सभा की 79वीं बैठक को संबोधित कर रहे थे. इसी संबोधन में उन्होंने सुरक्षा परिषद में सुधार की मांग की.

इस दौरान उन्होंने भारत, ब्राजील और जापान को सुरक्षा परिषद का स्थायी सदस्य बनाने की अपील की.

मैक्रों ने कहा कि जब तक सुरक्षा परिषद के स्थायी सदस्य अपने हितों को लेकर एक-दूसरे को (प्रस्तावों को) रोकते रहेंगे तब तक आगे बढ़ना मुश्किल है.

उन्होंने कहा, ”क्या वहां एक अच्छी व्यवस्था काम कर रही है? मुझे ऐसा नहीं लगता. इसलिए आइए संयुक्त राष्ट्र को प्रभावी बनाया जाए. लेकिन इसके लिए और अधिक सदस्य बनाए जाने चाहिए. इसलिए फ्रांस सुरक्षा परिषद के विस्तार का समर्थन करता है.”

मैक्रों ने कहा,

”भारत,जापान,जर्मनी और ब्राज़ील को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का स्थायी सदस्य बनाया जाना चाहिए. इसके साथ ही अफ़्रीका की ओर से नामित अफ़्रीकी महाद्वीप के दो देशों को भी इसका सदस्य बनाया जाए.” अगले साल संयुक्त राष्ट्र की स्थापना के 80 साल हो जाएंगे. लेकिन सुरक्षा परिषद के स्थायी सदस्यों की संख्या बढ़ाई नहीं गई है. चीन, फ्रांस, रूस, ब्रिटेन और अमेरिका को ही स्थायी सदस्यता मिली हुई है.

भारत, ब्राजील, जर्मनी और जापान लंबे समय से स्थायी सदस्यता की मांग कर रहे हैं

भारत, ब्राजील, जर्मनी और जापान  इन देशों के संगठन जी-4 ने एक बार फिर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की स्थायी सदस्यता दिए जाने की मांग की है.

इसके साथ ही एल-69 और सी-10 देशों के समूह ने भी इसका समर्थन किया.

न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा की 79वीं बैठक से अलग जी-4 समूह की बैठक में इन देशों के विदेश मंत्रियों ने संयुक्त राष्ट्र में हुए सुधारों की समीक्षा की.

इसके बाद इन देशों की ओर से जारी संयुक्त बयान में कहा गया कि बैठक में संयुक्त राष्ट्र के इर्द-गिर्द बनी बहुपक्षीय व्यवस्था के सामने मौजूदा अहम चुनौतियों पर गौर किया गया.

इस सप्ताह की शुरुआत में यूएन की ‘समिट ऑफ द फ्यूचर’ में संयुक्त राष्ट्र में ज़रूरी सुधारों की अपील का स्वागत किया गया.

जी-4 देशों का कहना था कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में स्थायी सदस्यों के साथ ही अस्थायी सदस्यों की संख्या भी बढ़ाई जानी चाहिए ताकि विकासशील देशों के साथ ही उन देशों को भी प्रतिनिधित्व मिले जो अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा में अहम योगदान दे रहे हैं.

जी-4 देशों के समूह ने कहा कि अफ्रीका, एशिया-प्रशांत, लातिन अमेरिकी और कैरिबियाई देशों को स्थायी और अस्थायी सदस्यों के श्रेणी में ज़्यादा प्रतिनिधित्व दिया जाए.

एल-69 देशों ने गुरुवार को सेंट विंसेंट एंड ग्रेंडनिंस के प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में बैठक कर ये मांग दोहराई.

भारत भी एल-69 का सदस्य है. अफ्रीकी देशों के समूह सी-10 के साथ ही एल-69 देशों के समूह में ये मांग रखी गई.