अयोध्या: अयोध्या में श्रीराम मंदिर निर्माण को अंतिम स्पर्श देने के साथ जनवरी में होने वाले रामलला के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम को भव्य व ऐतिहासिक बनाने की तैयारी जोरों पर है। आयोजन भारत के अलावा विश्व के अलग-अलग देशों में भव्यता के साथ मनाया जाएगा।
प्राण प्रतिष्ठा समिति की गत दिनों हुई बैठक में इस पर विस्तार से चर्चा हुई। तय हुआ कि विदेश में निवास कर रहे भारतवंशी व सनातनधर्मियों को इस अविस्मरणीय आयोजन से जोड़ा जाए। विश्व के भिन्न-भिन्न देशों में निर्मित मंदिरों को अयोध्या से रामजन्मभूमि की रज व अक्षत भेजे जाएंगे। यह उत्सव मनाने का आमंत्रण होगा।
इसके लिए विदेश के लगभग 1100 मंदिरों को चिन्हित किया गया है, जिसके प्रबंधन को सामग्री भेजी जाएगी। इन मंदिर परिसरों में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के दिन विशेष उत्सव मनाया जाएगा। इसमें वहां के रामभक्तों व सनातन धर्म के अनुयायियों को आमंत्रित किया जाएगा।
अक्षत व रज को मंदिर-मंदिर प्रतिष्ठित कर वहां रामोत्सव मनाया जायेगा। इस आयोजन की रूपरेखा भी स्वयंसेवक संघ के हवाले है। इसे भी स्वयंसेवक मूर्तरूप देंगे। अक्षत व रज भेजने के विशेष प्रबंध किये जायेंगे। रामजन्म भूमि परिसर में आयोजित मुख्य समारोह में पीएम नरेन्द्र मोदी को हिस्सा लेना है।
दरअसल देश के अलावा विदेश के लगभग 39 देशों में संघ का कार्य है। ऐसे देश जहां रामलीला का मंचन होता है, वहां स्थित मंदिरों में आयोजन को मनाने का लक्ष्य है। देश के ही लगभग पांच लाख मंदिरों में प्राण प्रतिष्ठा आयोजन की धूम होगी।
इन मंदिरों में रामायण, सुदंर कांड का पारायण, राम कथा आदि कार्यक्रम करने की योजना है। ये सब स्थानीय लोगों के समन्वयक व सहयोग से संपादित होंगे। रामभक्तों की प्रत्यक्ष भागीदारी रहेगी।
NEWS SOURCE : jagran