केरल में कांग्रेस की सहयोगी पार्टी इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग के नेता ने विवादित बयान दिया है। मुस्लिम लीग की केरल इकाई के महासचिव पी.एम.ए सलाम ने कहा कि महिला और पुरुष बराबर नहीं हैं। उन्होंने कहा कि महिलाओं और पुरुषों को बराबर कहना हकीकत से आंख मूंदने जैसा है। उन्होंने मीडियाकर्मियों से बातचीत के दौरान यह बात कही, जिस पर विवाद खड़ा हो गया है। मुस्लिम लीग नेता ने अपनी दलील के समर्थन में एक उदाहरण देते हुए कहा कि ओलंपिक में महिलाओं और पुरुषों के लिए अलग-अलग श्रेणियां होती हैं। उन्होंने कहा, ‘क्या ऐसा इसलिए नहीं है क्योंकि वे अलग-अलग हैं? क्या हम कह सकते हैं कि पुरुष और महिला सभी मामलों में समान हैं? क्या दुनिया ने इसे स्वीकार किया है? उन्हें समान कहना हकीकत से आंखें मूंद लेने जैसा है।’
सलाम ने कहा कि आईयूएमएल महिलाओं और पुरुषों के लिए लैंगिक न्याय का समर्थक है, न कि लैंगिक समानता का। महिलाओं से जुड़ा एक ऐसा ही विवादास्पद बयान पिछले सप्ताह केरल के एक प्रमुख इस्लामी मौलवी ने दिया था। उन्होंने सार्वजनिक स्थानों पर पुरुषों और महिलाओं के एक साथ कसरत करने को लेकर आपत्ति जताई थी। ‘केरल जमीयत-उल-उलेमा ऑफ एपी सुन्नी’ के महासचिव ए पी अबूबकर मुसलियार ने कहा था कि पुरुषों के साथ कसरत करने से महिलाओं के शील के साथ ‘समझौता’ हो सकता है। राज्य के उत्तरी जिलों में लोकप्रिय कसरत व्यवस्था ‘मल्टी-एक्सरसाइज कॉम्बिनेशन 7’ (एमईसी 7) की आलोचना करते हुए मौलवी ने कहा था कि व्यायाम की आड़ में गांवों और कस्बों में अच्छे काम नहीं हो रहे।
कसरत की यह व्यवस्था हाल में तब विवादों में आई थी, जब राजनीतिक हलकों से कुछ लोगों ने इस पर प्रतिबंधित इस्लामी संगठनों ‘पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया’ और जमात-ए-इस्लामी से कथित संबंध होने की अटकलें लगाईं। आयोजकों ने इन आरोपों को खारिज किया है। मुस्लिम लीग का कांग्रेस को समर्थन रहा है और इस बयान को लेकर कांग्रेस भी घिर सकती है। खासतौर पर भाजपा और केरल की कम्युनिस्ट पार्टियों की तरफ से कांग्रेस पर हमला बोला जा सकता है कि वह कट्ट्ररपंथी तत्वों के साथ है। बता दें कि लंबे समय से केरल में कांग्रेस और मुस्लिम लीग के बीच गठबंधन है।
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