“भारत और हिंदू एक ही पहचान — मोहन भागवत बोले, हिंदू राष्ट्र घोषित करने की जरूरत नहीं”

गुवाहाटी। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि भारत और हिंदू एक ही पहचान के दो नाम हैं। गुवाहाटी में एक कार्यक्रम के दौरान उन्होंने स्पष्ट कहा कि भारत को हिंदू राष्ट्र घोषित करने की कोई जरूरत नहीं, क्योंकि हमारी हजारों वर्ष पुरानी सभ्यता पहले से ही यह संदेश देती है।

भागवत ने कहा कि जो भी भारत पर गर्व करता है, वह हिंदू है, क्योंकि हिंदू शब्द केवल धार्मिक नहीं, बल्कि एक व्यापक और समृद्ध सभ्यतागत पहचान है।
वह इन दिनों तीन दिवसीय पूर्वोत्तर दौरे पर हैं और इसके बाद 20 नवंबर को मणिपुर रवाना होंगे।


🔸 असम में जनसांख्यिक बदलाव पर चेतावनी

RSS प्रमुख ने असम की जनसांख्यिकीय स्थिति पर चिंता जताते हुए कहा कि समाज को सतर्क, आत्मविश्वासी और अपनी सांस्कृतिक जड़ों से जुड़े रहना चाहिए।
उन्होंने कहा कि देशहित में सभी वर्गों को निस्वार्थ भाव से एकजुट होकर काम करना होगा।
भागवत ने पूर्वोत्तर को विविधता का सबसे सुंदर उदाहरण बताया।


🔸 लचित बोर्फुकन और शंकरदेव को बताया राष्ट्रीय प्रेरणा

भागवत ने कहा कि लचित बोर्फुकन और श्रीमंत शंकरदेव जैसे महान व्यक्तित्व केवल क्षेत्रीय नहीं, बल्कि राष्ट्रीय महत्व रखते हैं और सभी भारतीयों को प्रेरित करते हैं।


🔸 ‘संघ किसी का विरोध करने नहीं, चरित्र निर्माण के लिए बना’

अपने संबोधन में उन्होंने स्पष्ट कहा कि RSS की स्थापना किसी का विरोध करने या नुकसान पहुंचाने के लिए नहीं, बल्कि
चरित्र निर्माण और भारत को वैश्विक नेतृत्व की ओर ले जाने के उद्देश्य से हुई थी।
भागवत ने कहा कि विविधता के भीतर एकता बनाना ही RSS की कार्यपद्धति है।


🔸 ‘पहले संघ का मजाक उड़ता था, आज देशभर में फैला है’

उन्होंने कहा कि शुरुआती वर्षों में लोग संघ पर हंसते थे और डॉ. हेडगेवार का भी मजाक उड़ाया जाता था, लेकिन आज RSS पूरे देश में सक्रिय है और समाज के हर वर्ग में अपनी भूमिका निभा रहा है।


🔸 ‘भारत को शक्तिशाली होना ही होगा’

आतंकी खतरों को लेकर हाल ही में दिए गए अपने बयान को दोहराते हुए भागवत ने कहा कि सीमाओं पर बढ़ती चुनौती को देखते हुए भारत को और अधिक शक्तिशाली बनना ही होगा।
उन्होंने हिंदू समाज से एकजुट होने और भारतीय सेना को मजबूत बनाने की अपील की।


🔸 असम में चुनावी गतिविधियां तेज

अगले वर्ष असम में विधानसभा चुनाव होने हैं। ऐसे में BJP और RSS यहां अपनी पकड़ मजबूत करने में जुटे हैं।
असम की अनुमानित जनसंख्या 2025 में 3.65 करोड़ है। 2011 के अनुसार यहां 61% हिंदू और 34% मुस्लिम आबादी है।
इसलिए भाजपा लगातार हिंदू वोटों को एकजुट रखने की रणनीति पर काम कर रही है।
वर्तमान में मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा राज्य की सत्ता संभाल रहे हैं।