दिल्ली :- भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) रुड़की को प्रतिष्ठित भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) बौद्धिक संपदा (आईपी) पुरस्कार 2024 से सम्मानित किया गया है, जिसमें नवाचार, आईपी प्रबंधन एवं अत्याधुनिक तकनीकों के व्यावसायीकरण में इसके उत्कृष्ट योगदान को मान्यता दी गई है। यह प्रतिष्ठित पुरस्कार आईपी-सेवी (savvy) ईकोसिस्टम को बढ़ावा देने और भारत की तकनीकी उन्नति को आगे बढ़ाने में संस्थान के नेतृत्व को उजागर करता है।
आईआईटी रुड़की की यह उपलब्धि इसके मजबूत नवाचार पारिस्थितिकी तंत्र का प्रत्यक्ष परिणाम है, जो विश्व स्तरीय अनुसंधान, उद्योगों के साथ सहयोग और बौद्धिक संपदा की सुरक्षा के लिए एक अटूट प्रतिबद्धता को एकीकृत करता है। पिछले कुछ वर्षों में, संस्थान ने नवाचार को बढ़ावा देने के लिए एक व्यापक बुनियादी ढाँचा बनाया है, जो संकाय और छात्रों दोनों को उनके विचारों को व्यावसायिक रूप से व्यवहार्य प्रौद्योगिकियों में बदलने में सहायता करता है।
इस सफलता में योगदान देने वाला एक महत्वपूर्ण कारक विभिन्न सरकारी योजनाओं का सक्रिय उपयोग रहा है, जिसने महत्वपूर्ण सहायता प्रदान की है, जिससे आईआईटी रुड़की को ऐसा वातावरण स्थापित करने में सहायता मिली है, जहाँ आईपी प्रबंधन और प्रौद्योगिकी व्यावसायीकरण को प्राथमिकता दी जाती है। इसका परिणाम एक समृद्ध पारिस्थितिकी तंत्र रहा है जो नए बौद्धिक संपदाओं के निर्माण को बढ़ावा देता है और यह भी सुनिश्चित करता है कि ये नवाचार समाज को लाभान्वित करें।
इस वर्ष आईआईटी रुड़की की एक महत्वपूर्ण उपलब्धि आईपी फाइलिंग और स्वीकृत पेटेंट की रिकॉर्ड-तोड़ संख्या है। संस्थान ने आईपी उत्पादन में नए मानक स्थापित किए हैं, जिसमें दायर और स्वीकृत पेटेंट आवेदनों में पर्याप्त वृद्धि हुई है। यह सफलता संस्थान के शोध को मूर्त उत्पादों और समाधानों में बदलने पर ध्यान केंद्रित करने को दर्शाती है। आईआईटी रुड़की के संकाय और शोधकर्ताओं ने अग्रणी प्रौद्योगिकियों को बनाने के लिए एक अथक प्रयास का प्रदर्शन किया है जो न केवल उन्नत हैं बल्कि इंजीनियरिंग, स्वास्थ्य सेवा एवं नवीकरणीय ऊर्जा सहित विभिन्न क्षेत्रों में वास्तविक दुनिया की चुनौतियों का समाधान करने की क्षमता भी रखते हैं।
आईपी फाइलिंग के अलावा, आईआईटी रुड़की ने अपनी प्रौद्योगिकियों के व्यावसायीकरण में महत्वपूर्ण प्रगति की है। एक समर्पित प्रौद्योगिकी हस्तांतरण और नवाचार सेल के साथ, संस्थान ने अपने नवाचारों को बाजार में लाने के लिए उद्योग भागीदारों, स्टार्ट-अप और सरकारी एजेंसियों के साथ कई सहयोग की सुविधा प्रदान की है। इस व्यावसायीकरण पाइपलाइन के परिणामस्वरूप उद्योगों द्वारा सफलतापूर्वक अपनाई जाने वाली प्रौद्योगिकियों की संख्या में वृद्धि हुई है, जो भारत के औद्योगिक और आर्थिक विकास में योगदान दे रही है। ये प्रयास यह सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण रहे हैं कि आईआईटी रुड़की के शोध का समाज पर सार्थक प्रभाव पड़े।
प्रायोजित अनुसंधान एवं औद्योगिक परामर्श कुलशासक प्रो. अक्षय द्विवेदी ने कहा, “नवाचार, आईपी प्रबंधन एवं प्रौद्योगिकी व्यावसायीकरण को बढ़ावा देने में आईआईटी रुड़की के प्रयास भारत के नवाचार एवं बौद्धिक संपदा के लिए वैश्विक केंद्र बनने के दृष्टिकोण के अनुरूप हैं। सीआईआई द्वारा यह मान्यता शैक्षणिक और औद्योगिक नवाचार में अग्रणी के रूप में संस्थान की स्थिति को और मजबूत करती है, जिससे आने वाले वर्षों में निरंतर सफलता का मार्ग प्रशस्त होता है।”
आईआईटी रुड़की के निदेशक प्रो. के. के. पंत ने कहा, “हमें सीआईआई आईपी अवार्ड 2024 प्राप्त करने पर बेहद गर्व है, जो आईआईटी रुड़की में आईपी-संचालित संस्कृति बनाने के हमारे निरंतर प्रयासों की मान्यता है। यह उपलब्धि हमारे संकाय, छात्रों और कर्मचारियों के अथक परिश्रम का प्रमाण है, जिन्होंने उन्नत विचारों को जीवन में लाने के लिए तालमेल से कार्य किया है। हम अपनी प्रौद्योगिकियों के व्यावसायीकरण को बढ़ाने और समाज पर स्थायी प्रभाव डालने के लिए सरकारी योजनाओं का लाभ उठाना और उद्योग के साथ सहयोग करना जारी रखेंगे।”