कार्बेट टाइगर रिजर्व के कालागढ़ वन विभाग में पेड़ों के कटान और अवैध निर्माण के मामले में पूर्व कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत फसते जा रहे हैं हालही में हरक सिंह रावत और उनके बेटे के देहरादून ठिकानों पर विजिलेंस ने छापेमारी की थी इसके बाद हरक सिंह रावत की मुसीबतें बढ़ गई थी लेकिन हाईकोर्ट के इस मामले में सीबीआई जांच के आदेश देने के बाद उनकी मुसीबतें और ज्यादा बढ़ती दिख रही है यदि इस मामले की सीबीआई जांच हो जाती है तो हरक सिंह रावत का राजनीतिक कैरियर भी दाव पर लग सकता है हालांकि इस मामले में सरकार का भी स्पष्ट रुख नहीं है कि हाई कोर्ट के आदेश के बाद सीबीआई जांच होगी या नहीं क्योंकि सरकार भी इस मामले में सुप्रीम कोर्ट जाने की बात कर रही है लेकिन यदि सीबीआई जांच होती है तो हरक सिंह रावत फस सकते हैं।
2019-20 में भाजपा सरकार में वन मंत्री से हरक सिंह रावत
यह मामला भाजपा सरकार के दौरान 2019- 20 का है उस वक्त प्रदेश में भाजपा की ही सरकार थी और हरक सिंह रावत भाजपा सरकार में वन मंत्री थे। कार्बेट टाइगर रिजर्व और कालागढ़ वन विभाग में करीब 6000 पेड़ों के अवैध कटान और कार्बेट के पाखरो रेंज में तकरीबन 100 हेक्टर भूमि में टाइगर सफारी का निर्माण शुरू हुआ था लेकिन कुछ दिन बाद ही इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई थी जिसके बाद यह मामला तूल पकड़ने लगा और हरक सिंह रावत पर भी अवैध निर्माण और पेड़ों के अवैध कटान के आरोप लगे इसके बाद से लगातार यह मामला जांच के दायरे में है सरकार की ओर से भी विजिलेंस इस मामले की जांच कर रही है अब तक इस मामले में पूर्व डीएफओ सहित दो लोग जेल भी जा चुके हैं और चार्ज सीट भी दाखिल की जा चुकी है।
सरकार भी नहीं चाहती सीबीआई जांच,विपक्ष ने कहा सीबीआई से डरा रही बीजेपी
हालांकि इसका दूसरा एक पहलू यह भी है कि हरक सिंह रावत उस वक्त भाजपा में ही थे और अब कांग्रेस में हैं इसलिए सरकार भी इस मामले की सीबीआई जांच के पक्ष में नहीं है क्योंकि मामले की सीबीआई जांच होती है और इसमें हरक सिंह रावत दोषी साबित हो जाते हैं तो इसके सीधे आरोप भाजपा पर लगेंगे क्योंकि 2019 में हरक सिंह रावत भाजपा सरकार में ही वन मंत्री थे इसलिए सरकार भी इस मामले में सीबीआई जांच से बचना चाहती है ये इशारा सरकार के वन मंत्री सुबोध उनियाल ने भी किया है, उधर कांग्रेस का आरोप है कि भाजपा विपक्ष के नेताओं को फसाने का काम कर रही है यह सरकार विपक्ष के नेता को cbi का रोप दिखाकर उनकी आवाज दबाने का काम कर रही है कांग्रेस नेता प्रीतम सिंह ने कहा कि यह दायित्व अधिकारियों का भी बनता था जिन्होंने ये कृत्य किया है प्रीतम सिंह ने साफ कहा कि इस पूरे मामले में हरक सिंह रावत पाकसाफ होकर निकलेंगे।
लोकसभा टिकट में हरक को हो सकती है मुश्किल
उधर राजनीतिक जानकार ये भी मान रहे हैं कि हरक सिंह रावत की सीबीआई जांच से कांग्रेस के लोगों को ही इसका फायदा मिल सकता है क्योंकि हरक सिंह रावत हरिद्वार से लोकसभा चुनाव लड़ने के इच्छुक हैं और कांग्रेस के कद्दावर नेता भी हैं लगातार हरक सिंह रावत हरिद्वार से चुनावी तैयारी कर रहे हैं उधर पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत समेत कुछ कोंगेसी नेता भी हरिद्वार से लोकसभा का चुनाव लड़ना चाहते हैं लेकिन हरीश रावत हरिद्वार से इसलिए मजबूत दावेदार हैं क्योंकि वह हरिद्वार लोक सभा से 2009 में सांसद चुने गए थे और उनके लिए इस बार यह लोकसभा सीट सबसे मुफीद मानी जा रही है हरीश रावत के सामने टिकट को लेकर सबसे बड़ी अड़चन हरक सिंह रावत ही हैं और यदि हरक सिंह रावत सीबीआई जांच के घेरे में फंस जाते हैं तो उनको लोक सभा का टिकट मिलना भी आसान नहीं है
