रुड़की : नगर निगम रुड़की के निवर्तमान मेयर गौरव गोयल पर चल रही वित्तीय अनियमितताओं संबंधित जांच में उत्तराखंड शासन द्वारा उन्हें पूर्णत: निर्दोष पाया गया है।शासन द्वारा उन्हें क्लीन चिट दिए जाने से जहां निवर्तमान मेयर गौरव गोयल ने राहत की सांस ली है,वहीं उनके समर्थकों में भी भारी उत्साह है।
विदित हो कि 28 अगस्त को उत्तराखंड शासन द्वारा निवर्तमान मेयर गौरव गोयल पर रुड़की नगर निगम में वित्तीय अनियमितताओं को लेकर पिछले वर्ष से चल रही जांच में उन्हें निर्दोष पाया गया तथा सरकार द्वारा जांच कर अभिलेखों के आधार पर भी गौरव गोयल के खिलाफ सभी आरोपों को निराधार पाते हुए खारिज का निर्णय दिया।ज्ञात रहे की गौरव गोयल रुडकी नगर निगम का चुनाव वर्ष-2019 में निर्दलीय जीत कर आए थे,तभी से नगर निगम में तैनात दो अधिकारियों द्वारा उनके खिलाफ लगातार साजिशें रची जाती रही और दोनों अधिकारियों व नगर विधायक प्रदीप बत्रा की शह पर नगर के कई पार्षदों ने भी गौरव गोयल के खिलाफ मोर्चा खोले रखा।
हर बार हुई बोर्ड की बैठकों में जमकर हंगामा किया जाता रहा तथा नगर के विकास कार्यों को बाधित करने में इन्हीं पार्षदों व विधायक की भी मुख्य भूमिका रही।गौरव गोयल ने अपने पद पर रहते हुए इन सब साजिशों और विरोध के चलते मेयर पद से त्यागपत्र देना ही बेहतर समझा,ताकि निष्पक्ष रूप से जांच पुरी की जा सके,इन्हीं कारणों से उन्होंने विगत 28 जुलाई की शाम प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को अपने पद से त्यागपत्र दे दिया था।
उत्तराखंड शासन के मौजूदा निर्णय से अब नगर की जनता के सामने यह स्पष्ट हो गया है कि गौरव गोयल पर जो झुठे आरोप विरोधियों द्वारा लगाए गए वे सब निराधार थे एवं राजनीतिक षडयंत्र का हिस्सा थे।अब चूंकि शासन स्तर पर की गई जांच में निष्पक्ष से निवर्तमान मेयर के समर्थकों के चेहरे खिल उठे और सच्चाई की जीत हुई है।ज्ञात रहे गौरव गोयल धार्मिक प्रवृत्ति के साथ-साथ एक मृदभाषी,मिलनसार और ईमानदारी के तौर पर अपने पद का निर्वहन करने वाले मेयर रहे,जिसकी चर्चा सभी की जुबां पर है।