रुड़की : पूर्व मेयर गौरव गोयल ने हरिद्वार के विशेष भूमि अध्याप्ति अधिकारी की ओर से दिए गए 1.38 करोड़ के रिकवरी नोटिस को अवैधानिक बताते हुए निरस्त करने को कहा है। ऐसा नहीं होने पर कानूनी कार्रवाई की चेतावनी दी है।
पूर्व मेयर गोयल ने नोटिस के जवाब में कहा कि आपके द्वारा पारित किया गया वसूली नोटिस पूर्ण रूप से अवैध है व कानूनी विरूद्ध है । अतः कृपया कर वसूली नोटिस को निरस्त करने का कष्ट करें अन्यथा प्रार्थी द्वारा आपके विरूद्ध मा० उच्च न्यायालय में याचिका योजित की जायेगी ।
आपके द्वारा पारित किया गया वसूली नोटिस पूर्ण रूप से अवैध है व कानूनी विरूद्ध है अतः कृपया कर वसूली नोटिस को निरस्त करने का कष्ट करें अन्यथा प्रार्थी द्वारा आपके विरूद्ध मा० उच्च न्यायालय में याचिका योजित की जायेगी ।इस प्रकार आपके द्वारा की जा रहीं कार्यवाही अवैधानिक है व आपके द्वारा जारी नोटिस दिनांक 10.08.2023 नियमविरुद्ध है व कृपया कर इस नोटिस को वापस लेने का कष्ट करें।
पूर्व मेयर ने कहा कि, उनके मामलों में शासन से भी क्लीन चिट मिल चुकी है। गौरतलब है कि 10 अगस्त को पूर्व मेयर गौरव गोयल व परिजनों को 1.38 करोड़ की रिकवरी नोटिस जारी हुए थे।
देखें पूर्व मेयर गोयल का जवाब
सेवा में,
श्रीमान सक्षम प्राधिकारी / विशेष भूमि अध्यापप्ति अधिकारी हरिद्वार।
विषय- ग्राम सालियर साल्हापुर मुस्तहकम के भूमि खसरा नं0 561 के प्रतिकर धनराशि के सम्बंध में वसूली नोटिस संख्या-20 / 8-वि०भू०अ० अ० / हरिद्वार (2023-24 ) दिनांक 10/08/2023
महोदय, उपरोक्त विषयक आपके वसूली नोटिस संख्या-20/8- वि०भू0अ0अ0 / हरिद्वार (2023-24) दिनांक 10/08/2023 का कृपया संदर्भ ग्रहण करने का काष्ट करें। जिसके द्वारा ग्राम सालियर साल्हापुर मुस्तहकम के भूमि खसरा न0 561 की 260.22 वर्ग मी0 भूमि की धनराशि रू. 4605623.0 दिनांक 10/08/2023 में अंकित की गयी है।
जिसके क्रम में निम्नवत अवगत कराना है कि:-
1. यह कि भारत माल परियोजना से प्रभावित ग्राम सालियर साल्हापुर मुस्तहकम के भूमि खसरा न0 561 में से भूमि क्षेत्रफल 260.22 वर्ग मी० प्रार्थीया की भूमि का अधिग्रहण किया गया था।
2. यह कि ग्राम सालियर साल्हापुर मुस्तहकम का विशेष भूमि अध्याप्ति अधिकारी हरिद्वार द्वारा घोषित अभिनिर्णय दिनांक 21.05.2022 जिसमें
भूमि का बाजार मूल्य दर रु 7757.00 प्रतिवर्ग मीटर निर्धारण किया गया था।
3. यह कि अभिनिर्णय राष्ट्रीय राजमार्ग अधिनियम, 1956 की धारा 3 (छ) के अन्तर्गत निर्धारित किया गया था।
4. यह कि धारा 3 (छ) (5) में कोई भी पक्षकार जो अभिनिर्णय से संतुष्ट न हो तो वह आर्बिट्रेटर के समक्ष वाद दायर कर सकता है।
5. यह कि पूर्व में प्रार्थीया को अभिनिर्णय के अनुसार भूमिअर्जन हेतु प्रतिकार जारी किया जा चुका है व अभिनिर्णय दिनांकित 21.05.2022 के विरूद्ध आर्बीट्रेटर महोदय के समक्ष वाद लंबित है व आपके द्वारा जारी नोटिस पूर्णतः नियम व कानून के विरूद्ध है क्योंकि समक्ष अधिकारी अभिनिर्णर पारित करने के अपरान्त किसी प्रकार का कोई निर्णय जारी नहीं कर सकता व प्रार्थीया को ज्ञात हुआ है कि किसी जाँच आख्या दिनांक 02.11.2022 के सापेक्ष प्रार्थीया को यह नोटिस जारी किया गया है इसके संबंध में प्रार्थीया को यह निवेदन करना है कि धारा 33 भूमि अर्जन अधिनियम 2013 भारत सरकार के शासनादेश संख्या 20.08.2015 के अनुसार धारा 33 के प्रावधान लागू नहीं होते ।
6. यह कि प्रार्थीया को प्रतिकार राजमार्ग अधिनियम, 1956 की धारा 3(छ) में अभिनिर्णति अभिनिर्णय के अनुसार अदा किया गया था जिसमें किसी भी प्रकार का फेरबदल या पुर्नविचार नहीं किया जा सकता व
इस प्रकार का अधिकार किसी अधिकारी को नहीं है क्योंकि सक्षम प्राधीकारी हरिद्वार द्वारा पारीत आदेश दिनांक (26.11.2022) (WPMS No. 1422 of 2022 ) में स्पष्ट निर्णय दिया गया है कि जहाँ भूमि अधिनियम 2013 की धारा 26 के अंतर्गत भूमि की प्रतिकार दर निर्धारित की गयी है वहाँ सक्षम प्राधीकारी को दरों की वृद्धी / कम करने का अधिकार नहीं है अतः इस व्यवस्था से यह स्पष्ट है कि दरों में फेरबदल करने का अधिकार अभिनिर्णय के पारीत होने के बाद किसी अधिकारी में निहित नहीं है व इस प्रक्रिया के विरूद्ध आर्बीट्रेटर ही सक्षम अधिकारी है।
7. यह कि प्रार्थीया को प्रतिकार 21.05.2022 के आदेश के अनुसार भुगतान किया गया है व किसी जाँच आख्या के द्वारा अभिनिर्णय में फेरबदल नहीं किया जा सकता है।
8. यह कि राजमार्ग अधिनियम 1956 की धारा 3 (छ) (5) में प्रभावित पक्ष जा सकता है व प्रभावित पक्ष प्रार्थीया द्वारा आर्बीट्रेटर महोदय के समक्ष वाद दायर किया गया है व वाद लंबित है व आपके स्तर से कोई भी कार्यवाही नहीं की जा सकती क्योंकि भूमि अर्जन अधिनियम 2013, राजमार्ग अधिनियम 1956 में अभिनिर्णय को बदलने का अधिकार नहीं है। इस प्रकार आपके द्वारा की जा रहीं कार्यवाही अवैधानिक है व आपके द्वारा जारी नोटिस दिनांक 10.08.2023 नियमविरुद्ध है व कृपया कर इस नोटिस को वापस लेने का कष्ट करें।
क्योंकि पूर्व में में भी इस प्रकार के नोटिस के विरुद्ध भूमिदारों द्वारा मा0 उच्च न्यायालय में याचिकाए दाखिल की गयी है जिसमें स्थगनादेश पारित किए गये हैं ।
9. यह कि आपके द्वारा पारित किया गया वसूली नोटिस पूर्ण रूप से अवैध है व कानूनी विरूद्ध है अतः कृपया कर वसूली नोटिस को निरस्त करने का कष्ट करें अन्यथा प्रार्थी द्वारा आपके विरूद्ध मा० उच्च न्यायालय में याचिका योजित की जायेगी ।
धन्यवाद ।
प्रार्थी
गौरव गोयल पुत्र विरेन्द्र कुमार गोयल निवासी – 534, पुरानी तहसील रूडकी, हरिद्वार,