Delhi Metro: जानें कहां से कहां तक का होगा सफर, दिल्ली मेट्रो जल्द ही देश में पहली 3 कोच वाला मेट्रो कॉरिडोर करेगी शुरू

दिल्ली मेट्रो(Delhi Metro) शीघ्र ही देश का पहला मेट्रो कॉरिडोर आरंभ करने जा रही है, जो 3 कोच वाली ट्रेनों के संचालन के लिए तैयार किया गया है. एक आधिकारिक घोषणा में बताया गया है कि यह 3 कोच वाली ट्रेन विशेष रूप से छोटी दूरी की यात्रा के लिए विकसित की गई है. यह कॉरिडोर भारत में पहली बार तीन कोच वाली मेट्रो ट्रेनों के संचालन के साथ शुरू होगा, जो देश के शहरी परिवहन में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगा. 8 किलोमीटर लंबी यह लाइन दिल्ली मेट्रो नेटवर्क की दूसरी सबसे छोटी लाइन होगी, जो मौजूदा मेट्रो लाइनों के साथ सहज इंटरचेंज और अंतिम मील कनेक्टिविटी को सुधारने में सहायक होगी l

दिल्ली मेट्रो की तीन कोच वाली ट्रेन शहरी परिवहन प्रणाली में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगी. चौथे चरण के अंतर्गत लाजपत नगर से साकेत जी ब्लॉक तक फैला 8 किलोमीटर का यह मेट्रो कॉरिडोर दिल्ली मेट्रो नेटवर्क की दूसरी सबसे छोटी लाइन के रूप में उभरेगा. यह अन्य मेट्रो कॉरिडोर के साथ अंतिम माइल कनेक्टिविटी को बेहतर बनाने में सहायक होगा.

यह कॉरिडोर दक्षिण से मध्य दिल्ली की ओर यात्रा करने वाले यात्रियों के लिए अंतिम माइल कनेक्टिविटी को बेहतर बनाएगा. इस परियोजना के माध्यम से अन्य मेट्रो लाइनों पर भीड़-भाड़ में कमी आएगी और प्रमुख मेट्रो स्टेशनों पर यात्रा को अधिक सुगम बनाया जा सकेगा. इसके परिणामस्वरूप, हजारों दैनिक यात्रियों के लिए यात्रा का समय घटेगा, जिससे शहरी परिवहन की स्थिरता में और वृद्धि होगी.

देश में पहली बार मेट्रो लाइन पर तीन कोच वाली ट्रेनों का संचालन किया जाएगा. यह विशेष मॉडल शहरी यात्रा की छोटी दूरी के लिए तैयार किया गया है, जिससे कई दैनिक यात्रियों को बेहतर सुविधाएं प्राप्त होंगी. इस कॉरिडोर के माध्यम से न केवल ट्रेन की लंबाई में कमी आएगी, बल्कि यह आर्थिक रूप से स्थायी मेट्रो प्रणाली के साथ शहरी परिवहन को भी सरल बनाएगा.

लाजपत नगर-साकेत जी ब्लॉक कॉरिडोर का निर्माण यात्रियों की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए किया जा रहा है. इस घनी आबादी वाले क्षेत्र में अक्सर बड़ी भीड़ को संभालने के लिए लंबी रेक की आवश्यकता होती है. हालांकि, यह विशेष खंड मुख्य रूप से कम दूरी के यात्रियों को सेवा प्रदान करेगा, जिन्हें मेट्रो की बार-बार आवश्यकता होती है. छोटी ट्रेन के प्रारूप में प्रति यात्रा ऊर्जा की खपत कम होती है, जिससे यह पर्यावरण के लिए अनुकूल और आर्थिक दृष्टि से लाभकारी विकल्प बनता है. इस 3 कोच वाली ट्रेन में प्रत्येक कोच में बैठने और खड़े होने की क्षमता लगभग 300 यात्रियों की होगी, जिससे कुल क्षमता 900 यात्रियों की होगी. इस रूट के 2029 तक चालू होने की संभावना है.

यात्रियों के लिए फायदे

यह कॉरिडोर दक्षिण और मध्य दिल्ली के बीच यात्रा करने वाले लोगों के लिए अत्यंत लाभकारी सिद्ध होगा. इसके माध्यम से वर्तमान मेट्रो लाइनों पर यात्री भीड़ में कमी आएगी और यात्रा का समय भी कम होगा. अनुमान है कि 2025 में इस लाइन का उपयोग रोजाना 60,000 से 80,000 यात्री करेंगे, जो 2041 तक बढ़कर 1,20,000 से अधिक हो सकता है.

पर्यावरण और किफायत का ध्यान

तीन कोच वाली ट्रेनें ऊर्जा की खपत को कम करेंगी, जिससे यह कॉरिडोर पर्यावरण के लिए अनुकूल और आर्थिक दृष्टि से लाभकारी सिद्ध होगा. स्टेशनों की लंबाई 74 मीटर निर्धारित की गई है, जो इन छोटी ट्रेनों के लिए उपयुक्त है. यह नया कॉरिडोर दिल्ली के शहरी परिवहन को और अधिक प्रभावी बनाएगा, साथ ही यात्रियों को तेज, सस्ती और सुविधाजनक सेवाएं प्रदान करेगा.

नए कॉरिडोर में होंगे 8 स्टेशन

1. लाजपत नगर – पिंक और वायलेट लाइनों के साथ इंटरचेंज.

3. ग्रेटर कैलाश-1 – ग्रेटर कैलाश और आसपास के इलाकों के लिए.

4. चिराग दिल्ली – मैजेंटा लाइन के साथ इंटरचेंज.

5. पुष्पा भवन – सरकारी कार्यालयों और आवासीय इलाकों को जोड़ना.

7. पुष्पा विहार – सेक्टर 1, 3, 4 और 7 के लोगों को लाभ होगा.

8. साकेत जी ब्लॉक – गोल्डन लाइन के साथ एयरपोर्ट तक इंटरचेंज.

NEWS SOURCE Credit : lalluram