उत्तराखंड : अगर आप इंटरनेट के विभिन्न प्लेटफार्म के जरिये आने वाले लिंक को बिना कुछ सोचे-समझे क्लिक कर देते हैं तो थोड़ा सावधान हो जाइए। बाल विकास परियोजना विभाग के नाम पर आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं व पंजीकृत लाभार्थी महिलाओं को आनलाइन ठगी का शिकार बना रहे हैं। इसके लिए महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग उत्तराखंड की ओर से भी आवश्यक दिशा-निर्देश जारी कर सतर्क रहने की सलाह दी गई।
योजना का लालच देकर झांसे में लिया
महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग उत्तराखंड के उपनिदेशक विक्रम सिंह की ओर से 20 जुलाई को समस्त जिला कार्यक्रम अधिकारी व बाल विकास परियोजना अधिकारियों को दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। जिसमें कहा गया है कि वर्तमान समय में परियोजना स्तर से दूरभाष के माध्यम से अवगत कराया गया है कि उनके आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं एवं केंद्रों में पंजीकृत लाभार्थियों को विभिन्न मोबाइल नंबरों से फर्जी फोन काल आ रही हैं। जिसमें विभाग के उच्च अधिकारी/कर्मचारी के नाम से योजना का लाभ देने का लालच देकर झांसे में लिया जा रहा है।
एक क्लिक और हो जाएगा खाता खाली
आनलाइन लिंक पर क्लिक के माध्यम से धनराशि सीधे खाते में भेजने की बात कही जा रही है। जालसाज पूरी तरह से विश्वास में लेने के बाद एक मैसेज व्हाट्सएप पर भेजा जा रहा है। कहा कि जैसे ही कोई उस लिंक पर क्लिक कर रहा है उसके खाते से स्वयं ही धनराशि निकल जा रही है।
व्हाट्सएप पर आये लिंक पर ना करें क्लिक
इसके क्रम में अपने अधीनस्थ समस्त आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं एवं पंजीकृत लाभार्थियों को इस प्रकार की किसी भी काल पर अपनी जानकारी न देने व किसी मैसेज या व्हाट्सएप पर भेजे जा रहे लिंक पर क्लिक नहीं करने के लिए जागरूकता फैलाने के निर्देश दिए गए हैं। ऐसी किसी भी काल की जानकारी तत्काल अपने सुपरवाइजर, बाल विकास परियोजना व जिला कार्यक्रम कार्यालय को देने की बात कही गई है।
बाजपुर सीडीपीओ रेनू यादव के मुताबिक, निदेशालय के पत्र के अनुसार सभी सुपरवाइजर, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को निर्देशित कर दिया गया है। ऐसा होने से फर्जी काल्स पर अंकुश लग सकेगा। वहीं अपराधियों के विरुद्ध कार्रवाई करने में भी आसानी होगी।